बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के शुरुआती सुपरस्टार्स में से एक थे। उन्होंने जितना चटकारे के साथ स्टारडम का स्वाद चखा। उतने ही बुरी दौर से वह गुजरे भी। जिसके बाद उनके बंगले 'आशीर्वाद' के बिकने की खबर उड़ने लगी। गौतम चिंतामणि की बायोग्राफी 'डार्क स्टार: द लोनलीनेस ऑफ बीइंग राजेश खन्ना' में बताया गया है कि उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। उस समय सोहेल खान ने उनके आशियाने को खरीदने की इच्छा जताई थी। जिसके लिए बाद में उन्हें दिग्गज अभिनेता से डांट भी पड़ी थी।
दरअसल, राजेश खन्ना ने जैसे ही आर्थिक तंगी का सामना किया, वैसे ही उनके बंगले के बेचने की अटकलें लगाई जाने लगीं। लोगों को लगा कि वह अब अपना आशियाना बेचेंगे। किताब में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इनकम टैक्स की तरफ से एक नौटिस जारी कर उनसे डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाए पैसे की मांग की गई थी। इससे एक्टर की पब्लिक इमेज तो खराब हुई ही थी। साथ भी बंगला बेचने की जो अफवाह थी, वो भी सच होती दिख रही थी कि पैसा चुकाने के लिए एक्टर उसे बेच देंगे।
राजेश खन्ना के 'आशीर्वाद' के लिए सलमान खान के ऑफर्स
इधर, सलमान खान ने स्क्रिप्ट राइट रूमी जाफरी तो फोन किया और उनसे कहा कि सोहेल खान 'आशीर्वाद' खरीदना चाहते हैं। वह ये मैसेज राजेश खन्ना तक पहुंचा दें। इतना ही नहीं, बताया जाता है कि सलमान खान के परिवार ने राजेश खन्ना को बंगला छोड़ने के लिए मनाने के लिए, कई लोकलुभावन ऑफर दिए। जिसमें से तो कुछ ऐसे ऑफर्स शामिल थे कि वह इस प्रॉपर्टी के लिए कोई भी अमाउंट दे देंगे। वह उनका बकाया इनकम टैक्स भी चुका देंगे। साथ ही सलमान खान राजेश खान के प्रोडक्शन में बने किसी भी प्रोजेक्ट में फ्री में काम कर लेंगे।
राजेश खन्ना ने रूमी जाफरी को डांटा था
किताब में बताया गया है कि जब रूमी जाफरी मैसेंजर बनकर एक्टर के पास सोहेल खान का ऑफर लेकर गए तो एक्टर भड़क गए थे। उन्होंने बायोग्राफी में राजेश खन्ना के रिएक्शन के बारे में बताया था, 'काकाजी ने कहा, मैं तुम्हें दामाद मानता हूं और तू मेरा घर बिकवाना चाहता है... सड़क पर लाना चाहता है!' स्क्रिप्ट राइटर ने कहा कि उन्हें ये बताने में काफी दिक्कत हुई कि वह तो बस सोहेल का मैसेज उन तक पहुंचा रहे हैं।
सोहेल खान को राजेश खन्ना ने डांटा, 'आशीर्वाद' टूटा
राजेश खन्ना के लिए आशीर्वाद सबकुछ था। वह सिर्फ बंगला नहीं था। उनके सुपरस्टारडम और विरासत का प्रतीक था। उनका मानना था कि ये उनके लिए ही नहीं, बल्कि फैंस के लिए भी कीमती है। किताब में बताया गया है कि, राजेश खन्ना को ऐसा लगता था कि उनकी भले मौत हो जाएगी लेकिन उनका ये बंगला हमेशा जिंदा रहेगा और दुनिया उनको नहीं भूलेगी। वहीं सालों बाद जब राजेश खन्ना की मुलाकात सोहेल खान से हुई तो उन्होंने उन्हें बंगले को खरीदने की कोशिश करने के लिए फटकारा था। हालांकि जब 2011 में इसी बंगले में उनकी मौत हुई तो इस प्रॉपर्टी को एक बिजनेसमैन ने खरीद लिया और यहां बिल्डिंग्स बनाने के लिए आशीर्वाद को तोड़ दिया था।
दरअसल, राजेश खन्ना ने जैसे ही आर्थिक तंगी का सामना किया, वैसे ही उनके बंगले के बेचने की अटकलें लगाई जाने लगीं। लोगों को लगा कि वह अब अपना आशियाना बेचेंगे। किताब में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इनकम टैक्स की तरफ से एक नौटिस जारी कर उनसे डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाए पैसे की मांग की गई थी। इससे एक्टर की पब्लिक इमेज तो खराब हुई ही थी। साथ भी बंगला बेचने की जो अफवाह थी, वो भी सच होती दिख रही थी कि पैसा चुकाने के लिए एक्टर उसे बेच देंगे।
राजेश खन्ना के 'आशीर्वाद' के लिए सलमान खान के ऑफर्स
इधर, सलमान खान ने स्क्रिप्ट राइट रूमी जाफरी तो फोन किया और उनसे कहा कि सोहेल खान 'आशीर्वाद' खरीदना चाहते हैं। वह ये मैसेज राजेश खन्ना तक पहुंचा दें। इतना ही नहीं, बताया जाता है कि सलमान खान के परिवार ने राजेश खन्ना को बंगला छोड़ने के लिए मनाने के लिए, कई लोकलुभावन ऑफर दिए। जिसमें से तो कुछ ऐसे ऑफर्स शामिल थे कि वह इस प्रॉपर्टी के लिए कोई भी अमाउंट दे देंगे। वह उनका बकाया इनकम टैक्स भी चुका देंगे। साथ ही सलमान खान राजेश खान के प्रोडक्शन में बने किसी भी प्रोजेक्ट में फ्री में काम कर लेंगे।
राजेश खन्ना ने रूमी जाफरी को डांटा था
किताब में बताया गया है कि जब रूमी जाफरी मैसेंजर बनकर एक्टर के पास सोहेल खान का ऑफर लेकर गए तो एक्टर भड़क गए थे। उन्होंने बायोग्राफी में राजेश खन्ना के रिएक्शन के बारे में बताया था, 'काकाजी ने कहा, मैं तुम्हें दामाद मानता हूं और तू मेरा घर बिकवाना चाहता है... सड़क पर लाना चाहता है!' स्क्रिप्ट राइटर ने कहा कि उन्हें ये बताने में काफी दिक्कत हुई कि वह तो बस सोहेल का मैसेज उन तक पहुंचा रहे हैं।

सोहेल खान को राजेश खन्ना ने डांटा, 'आशीर्वाद' टूटा
राजेश खन्ना के लिए आशीर्वाद सबकुछ था। वह सिर्फ बंगला नहीं था। उनके सुपरस्टारडम और विरासत का प्रतीक था। उनका मानना था कि ये उनके लिए ही नहीं, बल्कि फैंस के लिए भी कीमती है। किताब में बताया गया है कि, राजेश खन्ना को ऐसा लगता था कि उनकी भले मौत हो जाएगी लेकिन उनका ये बंगला हमेशा जिंदा रहेगा और दुनिया उनको नहीं भूलेगी। वहीं सालों बाद जब राजेश खन्ना की मुलाकात सोहेल खान से हुई तो उन्होंने उन्हें बंगले को खरीदने की कोशिश करने के लिए फटकारा था। हालांकि जब 2011 में इसी बंगले में उनकी मौत हुई तो इस प्रॉपर्टी को एक बिजनेसमैन ने खरीद लिया और यहां बिल्डिंग्स बनाने के लिए आशीर्वाद को तोड़ दिया था।
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