नई दिल्ली: हांगकांग और सिंगापुर में कोविड-19 की नई लहर ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान खींचा है। भारत में भी एक नए सबवेरिएंट NB.1.8.1 ने दस्तक दी है, जिसे लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि एक्सपर्ट्स इसे लेकर पैनिक ना करने की सलाह दे रहे हैं। आखिर यह नया वेरिएंट कितना खतरनाक है? क्या हमें फिर से मास्क और सावधानियों की दुनिया में लौटना होगा? आइए समझते हैं। कितना खतरनाक है NB.1.8.1 वेरिएंट?तमिलनाडु में अप्रैल 2025 में एक नया कोविड सबवेरिएंट NB.1.8.1 सामने आया, जिसे INSACOG ने जांच के लिए अपने रडार पर लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' का दर्जा दिया है। यह वेरिएंट XDV.1.5.1 से निकला है और इसमें कुछ ऐसे म्यूटेशन हैं, जो इसे इंसानी कोशिकाओं से तेजी से जुड़ने में मदद करते हैं। यानी यह तेजी से फैल सकता है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि अभी तक यह जानलेवा नहीं दिख रहा। हांगकांग और सिंगापुर में क्या हो रहा है?हांगकांग और सिंगापुर में कोविड मामलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन ज्यादातर मामले हल्के हैं। गंभीर बीमारी या मौत के मामले न के बराबर हैं। भारत में भी हालात कंट्रोल में हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय हर कदम पर नजर रखे हुए है। NB.1.8.1 के 518 सीक्वेंस 22 देशों से सामने आए हैं, जो ग्लोबल डेटाबेस में 10.7% हिस्सा रखते हैं। क्या इससे डरने की जरूरत है?इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. जतिन आहूजा के हवाले से बताया, 'यह ओमिक्रॉन का ही एक सब-लाइनएज है, जो ज्यादा खतरनाक नहीं है।' यह वेरिएंट तेजी से फैल सकता है, क्योंकि यह मानव कोशिकाओं से बेहतर तरीके से जुड़ता है। लेकिन राहत की बात यह है कि पिछले ओमिक्रॉन संक्रमण से बनी इम्यूनिटी हमें कुछ हद तक सुरक्षा दे सकती है। लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे हैं - गले में खराश, खांसी, बुखार। वायरस से बचने के लिए क्या करें?
- आराम और हाइड्रेशन: खूब पानी पिएं, आराम करें।
- आइसोलेशन: अगर लक्षण दिखें, तो खुद को अलग करें।
- मास्क और साफ-सफाई: खासकर, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।
- एंटीवायरल दवाएं: डॉक्टर की सलाह पर लें।
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