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राजस्थान: अभयदास महाराज की कथा को लेकर विवाद जारी, पुलिस पर हमला, लाठीचार्ज, राज्यपाल के रास्ता रोका, पढ़ें अपडेट

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जालोर: राजस्थान के जालोर जिले में कथावाचक अभयदास जी महाराज की कथा को लेकर उठा विवाद अभी तक थमा नहीं है। गुरुवार को अभयदास जी महाराज के अनुयायियों और समर्थकों ने बवाल मचा दिया। कथा के आयोजन की अनुमति की मांग करते हुए हजारों लोगों ने रास्ता जाम कर दिया। पिछले तीन दिन से लगातार हल्ला चल रहा है। बुधवार देर रात तक हंगामा जारी रहा और गुरुवार दोपहर को फिर से हजारों की संख्या में लोग जालोर कलेक्ट्री सर्किल पर एकत्रित हो गए। लोगों ने रास्ता जाम करते हुए हंगामा किया।



राज्यपाल का रास्ता रोकागुरुवार को राज्यपाल हरिभाऊ भी जालोर दौरे पर थे। दोपहर के समय उन्होंने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक ली और बाद में वे जब वापस रवाना होने लगे तो लोगों ने रास्ता रोक दिया। राज्यपाल हरीभाऊ बागड़े को सर्किट हाउस जाना था लेकिन कथावाचक अभयदास के समर्थकों ने रास्ता रोक रखा था। ऐसे में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने राज्यपाल का रूठ बदला और उन्हें दूसरे रास्ते से निकाला। चूंकि लोगों को पता था कि इस रास्ते से राज्यपाल आने वाले हैं। इसी वजह से लोगों ने रास्ता रोका था।



पुलिस पर हमला किया तो लाठीचार्ज कर खदेड़ा



राज्यपाल के कलेक्ट्रेट से निकलने के दौरान ही कथावाचक अभयदास के समर्थकों ने पुलिस पर पानी की बोतलें और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके समर्थकों को खदेड़ा। जहां पर पुलिस ने बैरिकेडिंग करके अभयदास के समर्थकों को रोका। वहां बड़ी संख्या में महिलाएं भी प्रदर्शन करते हुए आगे बढ रही थी। महिलाओं ने पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़कर आगे बढने के कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लोगों को खदेड़ा।



कथा पूरी कराने की मांग कर रहे समर्थक



दरअसल कथावाचक अभयदास ने जालोर के भगत सिंह स्टेडियम में श्रावणसमासीय कथा 12 जुलाई को शुरू की थी। कथावाचन के दौरान ही 15 जुलाई को वे बायोसा मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। मंदिर के पास ही अतिक्रमण को हटाने पर अड़ गए। कथावाचक अभयदास ने 18 जुलाई को फिर से बायोसा मंदिर में दर्शन करने का ऐलान किया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने उन्हें रोका तो वे अनशन पर बैठ गए। बाद में 20 जुलाई को विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कथावाचक को समझाकर अनशन तुड़वाया और उन्हें तख्तगढ पाली के लिए रवाना किया। इसके बाद से कथा बंद है। ऐसे में समर्थक जिद कर रहे हैं कि अभयदास को वापस बुलाया जाए और कथा पूरी करने की अनुमति दी जाए।
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