Next Story
Newszop

चंद्रमा से चंद्रमा का जन्म... पृथ्वी की साया में छिपे हो सकते हैं कम से कम 6 मिनिमून्स, उपग्रहों की गुप्त दुनिया पर वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा

Send Push
वॉशिंगटन: चंद्रमा का जिक्र आते ही पृथ्वी के उस साथी की याद आता है जो हमेशा परिक्रमा करता रहता है। लेकिन अब ताजा शोध में पता चला है कि कम से कम 6 ऐसे चंद्रमा हो सकते हैं जो हमेशा धरती की परिक्रमा करते रहते हैं। ताजा रिसर्च में सामने आया है कि पृथ्वी के चारों ओर कभी भी कम से कम 6 'मिनिमून्स' (छोटे चंद्रमा) मौजूद हो सकते हैं। ये ऐसे छोटे-छोटे चंद्रमा हैं जो अस्थायी रूप से पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं और फिर सूर्य की परिक्रमा करने लगते हैं। लेकिन इन मिनीमून का बेहद छोटा आकार और तेज रफ्ता उन्हें पहचानना मुश्किल बनाती है। ये मिनिमून्स बहुत छोटे होते हैं, करीब 1 से 2 मीटर व्यास वाले। अब इन रहस्यमय टुकड़ों को लेकर एक नई थ्योरी सामने आई है। रिसर्च में पता चला है कि इनमें से कई चांद से आए हुए टुकड़े हो सकते हैं, जो चांद पर उल्कापिंडों की टक्कर के बाद अंतरिक्ष में उछल कर गिर गये और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फंसकर हमारे गिर्द परिक्रमा करने लगे।



आपको बता दें कि जब कोई पिंड चंद्रमा से टकराता है तो कई हिस्से टूटकर काफी तेज रफ्तार से अंतरिक्ष में निकल जाते हैं। हालांकि कभी कभी इन टुकड़ों का आकार बड़ा भी हो सकता है। हवाई विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और अध्ययन के प्रमुख लेखक रॉबर्ट जेडिक ने स्पेस.कॉम की एक रिपोर्ट में कहा है कि यह "एक तरह का स्क्वायर डांस है, जहां साथी नियमित रूप से बदलते रहते हैं और कभी-कभी कुछ देर के लिए डांस फ्लोर छोड़ देते हैं।"



चंद्रमा से कैसे होता है चंद्रमा का जन्म?

वैज्ञानिकों का अभी तक मानना रहा है कि मिनिमून्स का सोर्स शायद एस्ट्रॉएड बेल्ट (मंगल और बहस्पति के बीच स्थित) है, लेकिन हालिया खोजों से पता चला है कि इनमें से कई टुकड़े चांद से भी निकल सकते हैं। साल 2016 में हवाई स्थित Pan-STARRS1 टेलिस्कोप ने Kamo'oalewa नामक एक करीब 40 से 100 मीटर बड़ा मिनिमून खोजा था जो बाद में चांद से निकला एक टुकड़ा साबित हुआ। यह टुकड़ा करीब 1 से 10 मिलियन साल पहले एक बड़े टक्कर की वजह से बना था जब चंद्रमा पर Giordano Bruno क्रेटर का निर्माण हुआ था। 2024 में खोजा गया एक और मिनिमून, 2024 PT5 भी चांद से ही निकला मालूम होता है। इससे खगोलशास्त्रियों को यह अंदेशा हुआ कि चंद्रमा समय-समय पर खुद अपने ही टुकड़ों को पृथ्वी के छोटे चंद्रमाओं में बदल रहा है। इन जानकारियों के बाद, वैज्ञानिकों ने यह नतीजा निकाला है कि ऐसे कई मिनिमून्स वर्तमान में पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हो सकते हैं।



एक औसत मिनिमून पृथ्वी की परिक्रमा करीब 9 महीने तक करता है और फिर सूर्य की परिक्रमा करने लगता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ऐसे मिनिमून्स की संख्या का अनुमान लगाना काफी मुश्किल है, क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि चांद पर किस प्रकार की टक्कर हुई, कितना मलबा उड़ा है और उस मलबे की गति और दिशा क्या थी। रॉबर्ट जेडिक ने खुद माना कि इस फिलहाल इस रिसर्च में "काफी अनिश्चितता" है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि इतने ज्यादा मिनिमून्स होते, तो अब तक काफी ज्यादा संख्या में देखे गए होते।

Loving Newspoint? Download the app now