सना : यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई भारतीय नर्स निमिशा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। यमन में सरकारी अधिकारियों और तलाल के परिवार के साथ बातचीत में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम बसकरन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "सरकारी अभियोजक ने जेल अधिकारियों को अभियोजन पत्र जारी किया है। फांसी 16 जुलाई को होनी है। विकल्प अभी भी खुले हैं। भारत सरकार उसकी जान बचाने के लिए मामले में हस्तक्षेप कर सकती है।"
परिवार से माफी की अपील करेंगे वकील
तलाल के परिवार की ओर से माफी के बारे में सैमुअल ने कहा, "हमने पिछली बैठक के दौरान परिवार को एक प्रस्ताव दिया था। अब तक, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। मैं बातचीत फिर से शुरू करने के लिए आज यमन जा रहा हूं।" सरकारी सूत्रों के अनुसार, "जून 2018 में यमन में हत्या के अपराध के लिए निमिशा प्रिया को दोषी ठहराया गया था और स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। तब से अधिकारी इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हम स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान की है। हम मामले पर बारीकी से नज़र बनाए हुए हैं।"
निमिषा पर क्या हैं आरोप
कोच्चि में घरेलू कामगार निमिशा की मां प्रेमा कुमारी पिछले एक साल से यमन में डेरा डाले हुए हैं। केरल की मूल निवासी निमिशा ने कई सालों तक यमन में नर्स के तौर पर काम किया था, जब तक कि 2017 में उस पर हत्या का आरोप नहीं लगा। तलाल के समर्थन से निमिशा ने यमन में एक क्लीनिक चलाया, लेकिन कथित तौर पर उसे मानसिक, शारीरिक और वित्तीय शोषण का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उसने हत्या कर दी।
ट्रायल कोर्ट ने दी थी मौत की सजा
यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई और सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरकरार रखा। पिछले साल यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने 38 वर्षीय महिला की मौत की सजा को मंजूरी दी थी। यह आदेश इस साल जनवरी से ही अभियोक्ता के पास है। तब से, उसकी किस्मत अधर में लटकी हुई है, जो तलाल के परिवार की माफी पर निर्भर है। पिछले साल, जब यमन के राष्ट्रपति ने मौत की सजा को मंज़ूरी दी थी, तो दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह उसे और उसके परिवार को हर संभव मदद देगा।
परिवार से माफी की अपील करेंगे वकील
तलाल के परिवार की ओर से माफी के बारे में सैमुअल ने कहा, "हमने पिछली बैठक के दौरान परिवार को एक प्रस्ताव दिया था। अब तक, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। मैं बातचीत फिर से शुरू करने के लिए आज यमन जा रहा हूं।" सरकारी सूत्रों के अनुसार, "जून 2018 में यमन में हत्या के अपराध के लिए निमिशा प्रिया को दोषी ठहराया गया था और स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। तब से अधिकारी इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हम स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान की है। हम मामले पर बारीकी से नज़र बनाए हुए हैं।"
निमिषा पर क्या हैं आरोप
कोच्चि में घरेलू कामगार निमिशा की मां प्रेमा कुमारी पिछले एक साल से यमन में डेरा डाले हुए हैं। केरल की मूल निवासी निमिशा ने कई सालों तक यमन में नर्स के तौर पर काम किया था, जब तक कि 2017 में उस पर हत्या का आरोप नहीं लगा। तलाल के समर्थन से निमिशा ने यमन में एक क्लीनिक चलाया, लेकिन कथित तौर पर उसे मानसिक, शारीरिक और वित्तीय शोषण का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उसने हत्या कर दी।
ट्रायल कोर्ट ने दी थी मौत की सजा
यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई और सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरकरार रखा। पिछले साल यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने 38 वर्षीय महिला की मौत की सजा को मंजूरी दी थी। यह आदेश इस साल जनवरी से ही अभियोक्ता के पास है। तब से, उसकी किस्मत अधर में लटकी हुई है, जो तलाल के परिवार की माफी पर निर्भर है। पिछले साल, जब यमन के राष्ट्रपति ने मौत की सजा को मंज़ूरी दी थी, तो दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह उसे और उसके परिवार को हर संभव मदद देगा।
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