गठिया, एक आम लेकिन गंभीर रोग है, जो जोड़ों में सूजन, दर्द और चलने-फिरने में कठिनाई का कारण बनता है। आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने इस बीमारी को और भी आम बना दिया है।
खासकर 40 की उम्र पार करते ही कई लोग जोड़ों के दर्द की शिकायत करने लगते हैं। लेकिन अगर आप या आपके किसी करीबी को पुरानी से पुरानी गठिया की समस्या है, तो आपके लिए एक बेहद असरदार और कारगर उपाय लेकर आए हैं हम - जो इस बीमारी को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है।
गठिया क्या है?
गठिया (Arthritis) मुख्यतः एक प्रकार का जोड़ों का रोग है, जिसमें जोड़ सूज जाते हैं और उनमें असहनीय दर्द होता है। यह रोग शरीर के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है - घुटने, कमर, उंगलियाँ, कंधे या टखने। इसके दो प्रमुख प्रकार हैं: ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटॉइड आर्थराइटिस।
ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र बढ़ने के साथ होता है जबकि रुमेटॉइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही ऊतकों पर हमला करने लगती है।
क्या गठिया का कोई स्थायी इलाज है?
आधुनिक चिकित्सा पद्धति में गठिया का पूर्ण इलाज नहीं है। एलोपैथिक दवाइयों से केवल दर्द को अस्थायी रूप से कम किया जा सकता है। लेकिन कई आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय हैं जो वर्षों पुराने गठिया को भी जड़ से ठीक कर सकते हैं, अगर उन्हें सही तरीके और नियमितता से अपनाया जाए।
पुरानी गठिया का रामबाण इलाज - अद्भुत आयुर्वेदिक नुस्खा
अब बात करते हैं उस उपाय की, जो हजारों लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है।
आवश्यक सामग्री:
मेथी दाना - 100 ग्राम
अजवाइन - 50 ग्राम
सौंठ (सूखा अदरक) - 50 ग्राम
हल्दी - 25 ग्राम
लहसुन - 20 कलियां
सरसों का तेल - 250 मिलीलीटर
विधि:
मेथी, अजवाइन, सौंठ और हल्दी को अच्छी तरह सूखा भून लें और फिर बारीक पीस लें।
लहसुन की कलियों को छीलकर सरसों के तेल में धीमी आंच पर सुनहरा होने तक पकाएं।
जब तेल ठंडा हो जाए तो उसमें तैयार किया गया चूर्ण मिलाएं और किसी कांच की बोतल में भरकर रख दें।
सेवन विधि:
इस तेल को रोजाना सुबह और रात को जोड़ों पर मालिश करें। साथ ही इस चूर्ण का आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ रोज सुबह खाली पेट लें।
कैसे करता है ये उपाय काम?
मेथी दाना: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों की सूजन कम करते हैं।
अजवाइन: जोड़ों में जमे यूरिक एसिड को निकालने में मदद करती है।
सौंठ: प्राकृतिक दर्दनाशक और सूजन कम करने वाला तत्व।
हल्दी: कर्क्यूमिन से भरपूर, जो कि शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट है।
लहसुन: रक्त संचार को बेहतर बनाता है और सूजन को नियंत्रित करता है।
सरसों का तेल: त्वचा में गहराई तक जाकर मांसपेशियों और हड्डियों को पोषण देता है।
अन्य लाभकारी उपाय:
इस उपाय के साथ-साथ अगर कुछ जीवनशैली संबंधी बदलाव कर लिए जाएं तो गठिया को जड़ से खत्म करना और भी आसान हो सकता है:
योग और प्राणायाम करें: रोजाना 30 मिनट हल्का योग करें।
अधिक पानी पिएं: जिससे शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलें।
तैलीय और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
हल्दी वाला दूध रात में पीना फायदेमंद होता है।
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन D लें।
वास्तविक अनुभव:
राजस्थान की रहने वाली 62 वर्षीय कमला देवी पिछले 10 वर्षों से गठिया की गंभीर समस्या से जूझ रही थीं। कई डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला। किसी रिश्तेदार की सलाह पर उन्होंने यह घरेलू उपाय अपनाया और 4 महीने में ही उन्हें जबरदस्त फर्क महसूस हुआ। आज वे बिना किसी दर्दनिवारक दवा के सामान्य जीवन जी रही हैं।
पुरानी से पुरानी गठिया को जड़ से खत्म करना संभव है, बशर्ते हम सही उपाय अपनाएं और उसमें निरंतरता बनाए रखें। ऊपर दिए गए आयुर्वेदिक नुस्खे को अगर नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाए तो यह जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में चमत्कारी परिणाम दे सकता है। यह उपाय न केवल सस्ता और सुलभ है, बल्कि इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।
अगर आप या आपके परिजन गठिया के दर्द से परेशान हैं, तो इस उपाय को आजमाकर जरूर देखें। एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।
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