जब भी हम किसी अमीर या प्रभावशाली व्यक्ति की आलीशान जिंदगी के बारे में सोचते हैं,तो एक बड़ी सी तस्वीर आंखों के सामने आती है - शहर की भागदौड़ से दूर,एक हरा-भरा,खूबसूरत और शानदार फार्महाउस। हमें लगता है कि यह सिर्फ उनके वीकेंड बिताने या पार्टियां करने की जगह है।लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह फार्महाउस सिर्फ शौक या दिखावे के लिए नहीं,बल्कि टैक्स बचाने का एक बहुत ही‘स्मार्ट’और कानूनी तरीका भी है?जी हाँ,भारत के कई अमीर लोग फार्महाउस का इस्तेमाल अपनी टैक्सेबल इनकम को कम करने के लिए करते हैं। यह कोई गैर-कानूनी काम नहीं है,बल्कि कानून में दिए गए कुछ ऐसे‘लूपहोल्स’ (रास्ते) हैं,जिनका वे चतुराई से फायदा उठाते हैं।चलिए,आज इस पूरे‘खेल’को आसान भाषा में समझते हैं।‘किसान’बनकर मिलता है सबसे बड़ा फायदाभारत में कृषि से होने वाली आय (Agricultural Income)पर कोई टैक्स नहीं लगता है। यानी,अगर आप खेती-किसानी करके पैसा कमाते हैं,तो आपको सरकार को उस कमाई पर एक रुपया भी टैक्स के रूप में नहीं देना पड़ता।अब,अमीर लोग इसी नियम का फायदा उठाते हैं।बन जाते हैं‘कागजी किसान’:वे एक बड़ा सा फार्महाउस खरीदते हैं और उसे कागजों पर‘कृषि भूमि’के रूप में दिखाते हैं। वे वहां कुछ पेड़-पौधे,सब्जियां या फल उगाते हैं। भले ही इससे उन्हें नाममात्र की कमाई हो,लेकिन इसके आधार पर वे खुद को‘किसान’की श्रेणी में ले आते हैं।काले धन को करते हैं‘सफेद’:सबसे बड़ा खेल यहीं होता है। वे अपनी दूसरी गैर-कानूनी या‘ब्लैक मनी’वाली कमाई को भी‘खेती से हुई आय’के रूप में दिखा देते हैं।उदाहरण:मान लीजिए किसी ने दूसरे बिजनेस से1करोड़ रुपये की ब्लैक मनी कमाई। अब वह अपने इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाएगा कि उसे यह1करोड़ रुपये की कमाई अपने फार्महाउस में उगाई गई सब्जियों या फलों को बेचकर हुई है। क्योंकि कृषि आय पर कोई टैक्स नहीं है,तो यह1करोड़ रुपया बिना कोई टैक्स दिए ही‘सफेद’हो जाता है।सरकार को सब पता है,पर...ऐसा नहीं है कि सरकार या टैक्स विभाग इस‘खेल’से अनजान हैं। वे जानते हैं कि इस नियम का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है। लेकिन इस पर पूरी तरह से लगाम लगाना बहुत मुश्किल है,क्योंकि:यह साबित करना बहुत कठिन है कि दिखाई गई कृषि आय वास्तव में कृषि से हुई है या नहीं।कृषि भारत में एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और इस पर किसी भी तरह का टैक्स लगाने से बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो सकता है।साफ शब्दों में कहें तो,फार्महाउस अमीरों के लिए सिर्फ एक सुंदर बंगला नहीं,बल्कि एक‘वित्तीय ढाल’है जो उन्हें कानूनी तौर पर लाखों-करोड़ों रुपये का टैक्स बचाने में मदद करता है।
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