पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पुलिस ने बेंगलुरु की शर्मिष्ठा पानोली की गिरफ्तारी के मामले में अपनी चुप्पी तोड़ दी है. कोलकाता पुलिस ने पुष्टि की है कि यह कार्रवाई ‘अपमानजनक कंटेंट’ को बढ़ावा देने के लिए की गई है, जिससे एक ‘समुदाय’ को भड़काया जा रहा था. आरोप है कि पानोली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें बंगाल के एक समुदाय की ‘झूठी जानकारी’ का दावा किया गया था, और यह दावा ‘अपमानजनक और आपराधिक रूप से मनगढ़ंत’ था.
कोलकाता पुलिस के अनुसार, साइबर अपराध प्रभाग ने विभिन्न मीडिया आउटलेट्स पर प्रकाशित जानकारी को सत्यापित करने के बाद मामले की जांच शुरू की. अपनी जांच में पुलिस ने पाया कि कथित अपमानजनक पोस्ट कई व्यक्तियों, जिनमें कथित आरोपी शर्मिष्ठा पानोली भी शामिल थी, द्वारा ‘अपमानजनक कंटेंट’ को फैलाने और ‘नफरत को बढ़ावा देने’ के लिए साझा की गई थी.
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह कंटेंट ‘सांप्रदायिक घृणा और द्वेष पैदा’ करने और ‘सार्वजनिक शांति भंग करने’ की कोशिश में किया गया था. पुलिस के बयान के मुताबिक, कानूनी जांच में पता चला है कि “आपत्तिजनक कंटेंट जानबूझकर एक ‘समुदाय’ को बढ़ावा देने और उसमें उत्तेजित करने के लिए किया गया था.” इसी आधार पर, पुलिस ने पानोली को संबंधित कानूनों के तहत गिरफ्तार किया है, क्योंकि उसके कृत्यों से सार्वजनिक व्यवस्था पर गंभीर परिणाम हो सकते थे. पुलिस ने कहा कि उसके इस तरह के कार्यों को सहन नहीं किया जा सकता है. यह घटना सोशल मीडिया पर कंटेंट साझा करते समय उसकी संवेदनशीलता और संभावित कानूनी परिणामों को रेखांकित करती है.
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