बारिश का मौसम हो,ऑफिस की थकान हो,या दोस्तों के साथ गपशप का दौर... एक चीज़ है जो हर मौके को खास बना देती है - वो है एक कप'कड़क'चाय। और जब बात चाय की हो,तो घर की चाय से ज़्यादा हमें नुक्कड़ वाली टपरी की चाय याद आती है। कभी सोचा है आपने,कि उस छोटी सी टपरी की चाय में ऐसा क्या जादू होता है जो बड़ी-बड़ी कॉफ़ी शॉप और हमारे अपने किचन में भी नहीं मिल पाता?उसका स्वाद,उसकी महक,और उसका वो गाढ़ापन... कुछ तो बात है। ज़्यादातर लोग घर पर चाय बनाते वक्त एक ही गलती करते हैं,जिससे वो'टपरी वाला'स्वाद कभी आ ही नहीं पाता।आज हम आपके लिए वही सीक्रेट रेसिपी लेकर आए हैं,जिसे जानने के बाद आपकी चाय भी बिल्कुल वैसी ही बनेगी,जिसकी हर चुस्की में आपको नुक्कड़ वाली यादें ताज़ा हो जाएँगी।क्या-क्या चाहिए? (2कप चाय के लिए)दूध: एक कप (फुल क्रीम हो तो क्या बात है!)चायपत्ती:2छोटे चम्मच (कड़क वाली)चीनी: स्वाद के अनुसारअदरक: एक छोटा टुकड़ा, ताज़ा कुटा हुआइलायची:2,ताज़ी कुटी हुईअब आता है असली जादू: बनाने का तरीकाटपरी वाले भैया चाय बनाते कैसे हैं,बस यही समझना है।खूब खौलाएं:यहीं पर असली राज़ छुपा है। इस पानी को धीमी आंच पर कम से कम2-3मिनट तक अच्छे से उबलने दें। इसे तब तक उबालें जब तक आपको अदरक और इलायची की तेज़ महक न आने लगे। ऐसा करने से सारे मसालों का स्वाद पानी में पूरी तरह उतर जाता है।अब डालें दूध:जब पानी का रंग गहरा हो जाए और वो अच्छे से खौल जाए,तब उसमें एक कप दूध डालें।दूसरा उबाल (दूध के साथ):दूध डालने के बाद चम्मच से इसे अच्छी तरह मिलाएं और फिर आंच को थोड़ा तेज़ कर दें। चाय में एक उबाल आने दें। जैसे ही उबाल आए,आंच धीमी कर दें और इसे1-2मिनट और पकने दें।रंग देखिए:आप देखेंगे कि चाय का रंग बदलकर गाढ़ा और मलाईदार हो गया है। बस, आपकी टपरी स्टाइल चाय तैयार है!गरमा-गरम परोसें:अब इसे कप में छानें और बिस्कुट या पकौड़ों के साथ इस बेहतरीन चाय का मज़ा लें।एक बात हमेशा याद रखें:अच्छी चाय बनाने के लिए जल्दबाज़ी न करें। मसालों को पानी में जितना अच्छे से उबालेंगे,स्वाद उतना ही खुलकर आएगा।तो अगली बार जब आपका मन'बाहर वाली'चाय पीने का करे,तो इस रेसिपी को ज़रूर आज़माएं। यकीनन,आपको वो स्वाद मिलेगा जिसके आप दीवाने हैं।
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