Sri Krishna Janmotsav will be celebrated in Mathura in 2025: इस वर्ष 16 अगस्त 2025 की मध्य रात्रि को मथुरा के प्रमुख मंदिरों जैसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और वृन्दावन के बांकेबिहारी मंदिर सहित अन्य प्रमुख तीर्थस्थलों पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। नन्दगांव में यह पर्व 17 अगस्त की रात को मनाए जाने वाला है।पिछले साल 42 लाख श्रद्धालु मथुरा पहुंचे थे, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की संख्या 50 लाख के पार जाने का अनुमान है। इस कारण जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा सुरक्षा, साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत और यात्रियों के लिए सुविधाओं का विशेष इंतजाम किया जा रहा है। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में लगभग 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) युक्त ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है ताकि सुरक्षा और व्यवस्थित आयोजन सुनिश्चित किया जा सके।तीन दिन तक चलने वाले इस कृष्णोत्सव का सूत्रपात 15 अगस्त की सुबह 10 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार से एक भव्य शोभायात्रा के साथ होगा। यह यात्रा धार्मिक एवं राष्ट्रिय चेतना से ओतप्रोत होगी, जिसमें बुंदेलखंड, राजस्थान, हरियाणा समेत ब्रज क्षेत्र के लगभग 250 लोक कलाकार पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत करेंगे। इनमें राई नृत्य (बुंदेलखंड), कच्ची घोड़ी नृत्य (राजस्थान) और गूजरी नृत्य (हरियाणा) शामिल हैं।शोभायात्रा में बम नगाड़ा, ढोल, बीन, शहनाई, डमरू-मजीरा जैसी पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप के साथ मान मंदिर बरसाना, इस्कान वृन्दावन सहित विभिन्न मंदिरों की भजन मंडलियां भी भक्ति रस बिखेरेंगी।मंडल प्रशासन ने विशेष अपील की है कि भारी भीड़ और परिस्थितियों को देखते हुए बीमार, वृद्ध, दिव्यांग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं तथा रक्तचाप या शुगर के मरीज यात्रा के दौरान अपने साथ न लाएं ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।यह पर्व न सिर्फ धार्मिक श्रद्धा का महत्व रखता है बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक एकता का संदेश भी देता है। मथुरा, वृन्दावन और आसपास के ब्रज क्षेत्र में इस उत्सव की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं जिससे सभी श्रद्धालुओं को सर्वश्रेष्ठ अनुभव मिल सके।
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