आजकल घर खरीदना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। होम लोन की प्रक्रिया से लेकर रजिस्ट्रेशन तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बिल्डरों द्वारा अलॉटमेंट रद्द करने, प्रोजेक्ट में देरी, या वादों को पूरा न करने की घटनाएँ आम हो गई हैं।
RERA का महत्व
इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने RERA यानी रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट 2016 लागू किया है। हालांकि, कुछ स्थितियों में RERA भी मदद नहीं कर पाता। इसलिए घर खरीदते समय कुछ गलतियों से बचना आवश्यक है।
1. एकतरफा शर्तों वाले एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर
कई बार बिल्डर अपने लाभ के लिए एग्रीमेंट में ऐसे नियम शामिल करते हैं, जो उन्हें अलॉटमेंट रद्द करने या प्रोजेक्ट की डिज़ाइन में बदलाव करने का अधिकार देते हैं। इसलिए बिना पढ़े-लिखे किसी भी सर्टिफिकेट या एफिडेविट पर हस्ताक्षर न करें। RERA ऐसे दस्तावेजों को मान्यता नहीं देता है और इससे आपको कानूनी नुकसान हो सकता है।
2. कैश में बुकिंग करना
कुछ खरीदार स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए बुकिंग के समय कैश में भुगतान कर देते हैं। लेकिन जब रिफंड की बात आती है, तो ये ट्रांजेक्शन कानूनी रूप से मान्य नहीं होते।
3. समय पर भुगतान न करना
यदि आप समय पर EMI का भुगतान नहीं करते हैं, तो बिल्डर आप पर देरी का आरोप लगा सकता है। कोर्ट के अनुसार, भुगतान में देरी करने वाला खरीदार मुआवजे का हकदार नहीं होता। इसलिए सुनिश्चित करें कि भुगतान शेड्यूल आपके बजट में हो।
4. बिना सोचे-समझे पजेशन डेट स्वीकार करना
कई बार खरीदार मौखिक या लिखित रूप से पजेशन की नई तारीख स्वीकार कर लेते हैं। इससे आपके बिल्डर के खिलाफ केस कमजोर हो सकता है, क्योंकि यह माना जाता है कि आपने देरी को स्वीकार कर लिया है। इसलिए बिना कानूनी सलाह के कोई भी बदलाव न मानें।
5. शिकायत दर्ज करने में देरी करना
यदि आप RERA में शिकायत करने में देरी करते हैं, तो आपकी याचिका खारिज हो सकती है। इसलिए जब भी बिल्डर वादे पूरे न करे, तुरंत शिकायत करें।
6. प्री-EMI या रेंटल रिटर्न स्कीम पर भरोसा करना
कई प्रोजेक्ट्स में बिल्डर प्री-EMI या रेंटल रिटर्न का वादा करते हैं, लेकिन RERA इन्हें कानूनी रूप से मान्यता नहीं देता। ये केवल प्राइवेट समझौते होते हैं और यदि बिल्डर पैसे देने से मना कर दे, तो RERA आपकी मदद नहीं करेगा। घर खरीदते समय केवल बिल्डर के वादों पर भरोसा न करें। हर दस्तावेज को ध्यान से पढ़ें, कैश ट्रांजेक्शन से बचें और कानूनी सलाह अवश्य लें।
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