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शेयर बाजार: क्या यह तेजी की शुरुआत है? जानें निवेशकों के लिए क्या हैं संकेत

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शेयर बाजार : उड़ान भरने के समय की शुरुआत

विमल कोठारी,
वरिष्ठ पत्रकार
X: @kotharivimal19

जयपुर। इजरायल और ईरान के बीच हो रहे युद्ध में शांति की खबरों के साथ अमेरिकी टैरिफ को लेकर भी सकारात्मक बातें सामने आने से बाजार में अब सुधार का रुख है। विश्लेषकों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनते-बिगड़ते समीकरणों में अब सुधार के चलते उम्मीद यह की जा रही है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर से फिलहाल मुक्ति मिल सकती है और बाजार के आगे बढ़ने की राह प्रशस्त हो सकती है। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव एक स्वभाविक प्रक्रिया का हिस्सा है। पिछले लेखों में भी इस बात का उल्लेख किया था कि निवेशक सूचकांक में आने वाले उतार-चढ़ाव के स्थान पर निवेशित शेयरों के फंडामेंटल पर गौर करें, जिन निवेशकों का निवेश मजबूत फंडामेंटल के शेयरों में हैं, उनमें उन्हें प्रतिफल मिलना तय है भले ही कुछ समय क्यों न लग जाए। मौजूदा परिस्थिति भी इसी बात का संकेत दे रही है कि मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयरों में आने वाले समय में तेजी से सुधार होगा, लेकिन निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए की बाजार में ना एक तरफा तेजी चलती है और ना ही मंदी। अत: अपने किए गए निवेश की निरंतर समीक्षा करते रहे और जब भी मौका मिले, लाभ बुक करने से नहीं चूके, क्योंकि वास्तविक कमाई वहीं है, जो बैंक खाते में नजर आए, केवल पोर्टफोलियो में नहीं।

गत शुक्रवार को समाप्त पिछले सप्ताह बीएसई सूचकांक में साप्ताहिक आधार पर फिर 1650.73 अंक (2.00%) का सुधार रहा और बीएसई सूचकांक 84058.90 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी सूचकांक में 525.40 अंक (2.09%) की तेजी रही और यह भी 25637.80 अंक पर बंद हुआ। बाजार में आए सुधार का असर मिडकैप व स्मॉलकैप सूचकांक पर भी साप्ताहिक आधार पर नजर आया, पर इनमें मूल सूचकांक की तुलना में अधिक सुधार का रुख रहा, जिसे शेयर बाजार के भविष्य के लिहाज से अच्छा कहा जा सकता। इस बीच गत सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशक-एफआईआई की भी बिकवाली भी थमी और शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में एफआईआई ने 5 में से 3 दिन बिकवाली कर 2 दिन बम्पर खरीद की, जिससे सप्ताह में 4423.27 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद हुई, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक-डीआईआई ने इस अवधि में 12390.17 करोड़ के शेयरों की खरीद कर बाजार को और सपोर्ट करने का प्रयास किया। बुलियन बाजार की बात करें तो अन्तर्राष्ट्रीय तनाव में कमी के कारण इस सप्ताह भी सोने व चांदी के भावों में उतार-चढ़ाव रहा, पर ग्राहक बाजार से लगभग गायब रहे। जयपुर बाजार में सोना गत शनिवार के 101,600 रुपए प्रति 10 ग्राम से 3400 रुपए घटकर 98,200 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,09,500 रुपए प्रति किलो से 700 रुपए प्रति किलो घट कर 1,08,800 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई। बाजार में सोने चांदी के भावों पर अन्तर्राष्ट्रीय तनाव का असर कम होने के कारण निकट भविष्य में भी कमजोरी की उम्मीद है। कारोबारियों का दावा तो सोमवार को भी बाजार में और गिरावट आने का है।

बाजार के भावी रुख के बारे में शेयर कारोबारी कहते हैं कि सलेक्टिव स्टॉक में आने वाले समय में भी तेजी जारी रह सकती है, पर निवेशकों को शेयरों का चयन पेशेवर सलाहकारों के माध्यम से करना चाहिए। मौजूदा परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय विवादों में कमी और अच्छे मानसून का लाभ बाजार को मिल सकता है। वर्तमान में भी निवेश की दृष्टि से भारतीय स्टेट बैंक, सुजलोन, जिओ फाइनेंस, जेएसडब्ल्यू इन्फ्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक जैसी कंपनियों में किया गया निवेश बेहतर परिणाम दे सकता है, पर किसी कारण से बाजार में मंदी आती है तो इनमें भी गिरावट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उधर, इस सप्ताह मैन बोर्ड में 3 कंपनियों व एसएमई प्लेटफार्म पर 11 कंपनियों के खुल चुके अथवा खुलने जा रहे आईपीओ अपना भाग्य आजमा रही है। आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को कंपनियों की ओर से मांगे जाने वाले प्रीमियम और इनकी वित्तीय स्थिति के साथ आईपीओ के उद्देश्य पर भी नजर डालनी चाहिए। उधर, सेबी के पास आने वाले नए आईपीओ आवेदनों में इस सप्ताह 2 कंपनियों ने अपने ड्राफ्ट हेरिंग प्रोस्पेक्टस-डीआरएचपी पेश किए हैं।

- यह लेखक के निजी विचार है। लेख में उल्लेखित कंपनियों में लेखक, उसके परिजन व परिचितों का निवेश हो सकता है। निवेश निर्णय से पूर्व लेख में उल्लेखित कंपनियों व क्षेत्र के बारे में पेशेवर विशेषज्ञ से राय जरूर लें।

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