पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत पर परमाणु हमले की धमकी देते रहते हैं। इन धमकियों के बावजूद, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार पाकिस्तान की मदद की है। दरअसल, बाढ़ ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई है, जिसमें लगभग 500 लोग मारे गए हैं। इस बीच, भारत ने बड़ा दिल दिखाते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों को बाढ़ की जानकारी दी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली बार है जब दोनों देशों के अधिकारियों के बीच संपर्क हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहला संपर्कपाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मई में हुई सैन्य झड़प के बाद यह पहली बार है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संपर्क हुआ है। भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क किया है और संभावित बाढ़ के खतरों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की है।
तवी नदी में बाढ़ की चेतावनी जारीपाकिस्तान के जियो टीवी के अनुसार, भारत ने तवी नदी में भीषण बाढ़ की चेतावनी दी है। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने 24 अगस्त को यह जानकारी दी, जिसके आधार पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने लोगों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की। आपको बता दें कि तवी नदी जम्मू से पाकिस्तान के पंजाब में प्रवेश करती है।
पाकिस्तान में भारी बारिश के बाद हालात बिगड़ेआपको बता दें कि पाकिस्तान में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हैं। पिछले 24 घंटों में पंजाब राज्य में 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। बाढ़ का सबसे बुरा असर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में देखने को मिला है, जहाँ 350 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 500 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, जल जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। अब तक 15 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ दर्ज किए जा चुके हैं। एनडीएमए, सेना और अन्य गैर सरकारी संगठन बाढ़ प्रभावित राज्यों में राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाएइस साल 22 अप्रैल को कश्मीर की पहलगाम घाटी में एक आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि रद्द करना, वीजा निलंबित करना और वाघा-अटारी सीमा बंद करना शामिल था। इसके बाद भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस हवाई हमले में पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए, जबकि 10 से ज़्यादा आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए गए। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए और फिर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा।
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