आज का दिन भगवान श्रीगणेश की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुधवार को गणपति बप्पा की उपासना करने से बुद्धि, विवेक, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में आज के दिन यदि भक्त पूजन के दौरान ‘श्री गणेशाष्टकम्’ का विधिपूर्वक पाठ करते हैं, तो उनके जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता निश्चित होती है।
श्री गणेशाष्टकम्: चमत्कारी स्तोत्र
श्री गणेशाष्टकम् एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो संस्कृत में रचा गया है और भगवान गणेश के आठ स्वरूपों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र न केवल भक्त के मन को शुद्ध करता है, बल्कि उसमें आंतरिक शक्ति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक संतुलन भी भर देता है। प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से गणेशाष्टकम् का पाठ करता है, उसके सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं।
क्यों करें गणेशाष्टकम् का पाठ?
गणेशाष्टकम् का पाठ करने से व्यक्ति को विघ्नों से मुक्ति, आर्थिक संकट से छुटकारा, मानसिक शांति, और कार्यसिद्धि प्राप्त होती है। इसे विशेष रूप से बुधवार, चतुर्थी, गणेश चतुर्थी, या किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ से पहले पढ़ने की परंपरा है।आज के दिन जब चंद्रमा की स्थिति शुभ है और बुध ग्रह भी बलवान है, तो ऐसे समय में गणेशजी के स्तोत्र का जाप अनेक गुना फलदायी होता है। खासकर विद्यार्थी, नौकरीपेशा व्यक्ति, और व्यापारी वर्ग के लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
कैसे करें गणेश पूजा और गणेशाष्टकम् पाठ?
प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजन स्थान पर बैठ जाएं।
भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र को स्वच्छ जल से स्नान कराएं और रोली, चावल, दूर्वा, मोदक अर्पित करें।
धूप-दीप जलाकर उनका ध्यान करें और फिर “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
इसके बाद श्रद्धा भाव से ‘श्री गणेशाष्टकम्’ का पाठ करें।
पाठ के बाद आरती करें और भगवान गणेश से परिवार, सुख, शांति और समृद्धि की कामना करें।
श्री गणेशाष्टकम् का एक अंश:
सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्नराजो विनायकः॥
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः॥
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।
इस स्तोत्र में भगवान गणेश के बारह नामों का उल्लेख है, जिनका स्मरण जीवन की हर कठिनाई में आश्रय देता है।
जन-मानस में उत्साह
आज कई मंदिरों में विशेष रूप से श्री गणेशाष्टकम् का सामूहिक पाठ कराया गया। भक्तों ने गणेश जी को दुर्वा, शुद्ध घी से बने मोदक, और फूल अर्पित किए। राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में श्री गणेश मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। सभी ने एक ही भावना से प्रार्थना की – “हे गणपति, हमारे जीवन से विघ्नों को दूर करें और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।”
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