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सरिस्का टाइगर रिजर्व के बीच स्थित कंकवाड़ी किला! जहां कैद हुआ था दारा शिकोह, वायरल फुटेज में देखे किले का खौफनाक इतिहास

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राजस्थान का अलवर जिला ऐतिहासिक किलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है। यहीं स्थित है सरिस्का टाइगर रिजर्व, जो न केवल बाघों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके भीतर छिपा हुआ एक ऐसा रहस्यमय और खौफनाक किला भी है, जो सदियों से रहस्य और डर का प्रतीक बना हुआ है — कंकवाड़ी किला। घने जंगलों के बीच स्थित यह किला अपने भीतर ऐसी कहानियां समेटे हुए है जो किसी भी पर्यटक की रूह कंपा देने के लिए काफी हैं।


मुगलों का खौफनाक इतिहास
कहते हैं कि कंकवाड़ी किले का निर्माण 17वीं सदी में औरंगजेब ने करवाया था। इतिहास में दर्ज है कि इस किले को एक प्रकार की राजनीतिक जेल के रूप में इस्तेमाल किया गया। औरंगजेब ने अपने सगे भाई दारा शिकोह को युद्ध में हराने के बाद कैद के लिए इसी किले में भेजा था। घने जंगलों के बीच बसे इस वीरान किले में दारा शिकोह को अपने अंतिम दिनों तक अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया। उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई, जिसे लेकर आज भी कई किंवदंतियाँ प्रचलित हैं।यही कारण है कि कंकवाड़ी किले को "मौत की सजा का किला" भी कहा जाता है। कहते हैं कि दारा शिकोह की आत्मा आज भी किले के गलियारों में भटकती है और रात के सन्नाटे में उसकी आहें सुनाई देती हैं। स्थानीय लोगों और वन अधिकारियों के अनुसार, कई बार पर्यटकों और गार्ड्स ने यहां असामान्य गतिविधियों और अनजानी आवाजों का अनुभव किया है।

वीरानी में छिपा डर
सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की गर्जना जितनी रोमांचक लगती है, वहीं कंकवाड़ी किले की खामोशी उतनी ही भयावह। ये किला चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है और यहां तक पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण है। घने जंगल, सुनसान रास्ते और रहस्यमयी माहौल इसे भानगढ़ या कुलधरा जैसे अन्य भूतिया स्थलों की कतार में खड़ा करते हैं।अक्सर देखा गया है कि सूर्यास्त के बाद वन विभाग किसी को भी किले की ओर जाने की अनुमति नहीं देता। इसका कारण न केवल जंगली जानवरों से खतरा है, बल्कि वह अजीबोगरीब घटनाएं भी हैं जिनका कोई वैज्ञानिक या तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं मिल पाया है।

पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स की जांच
कुछ वर्ष पहले एक पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स की टीम ने कंकवाड़ी किले में रातभर रुकने की कोशिश की थी। टीम के अनुसार, रात के दौरान उन्हें कई साइको-काइनेटिक एक्टिविटीज का अनुभव हुआ। अचानक से तापमान का गिरना, कैमरे का बंद हो जाना, और कुछ कोने में अजीबोगरीब परछाइयाँ दिखाई देना, ये सब बातें किसी सामान्य जगह की नहीं होतीं। टीम ने माना कि यह किला हॉन्टेड हो सकता है, लेकिन वहां कुछ ऐसा जरूर है जो आत्माओं के अस्तित्व की ओर संकेत करता है।

पर्यटन और सुरक्षा के बीच संतुलन
सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ कंकवाड़ी किले को लेकर अब पर्यटन विभाग की भी रुचि बढ़ रही है। हालाँकि, किले की हालत काफी जर्जर है और वहां पहुंचने का रास्ता बेहद जोखिमभरा है। यही कारण है कि सरकार ने यहां पर्यटकों की आवाजाही पर कुछ सीमाएं निर्धारित की हैं। कुछ खास समयों में ही गाइडेड टूर की अनुमति दी जाती है।पर्यटन विभाग की योजना है कि इस किले को भी राजस्थान के अन्य ऐतिहासिक स्थलों की तरह संरक्षित किया जाए, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि वहां की रहस्यमयी और संवेदनशील ऊर्जा को नुकसान न पहुंचे।

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