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AC आपको बना देती है मोटा, आयुर्वेदिक डॉक्टर ने दी जानकारी, 4 वजह से बढ़ती है चर्बी

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गर्मियां शुरू होते ही लोगों को एसी की हवा में रहना काफी आरामदायक लगता है। वहीं, जिन लोगों को एसी में रहने की आदत हो जाती है, उनके लिए धूप में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। वहीं, एसी के ज्यादा इस्तेमाल से बिजली का बिल भी ज्यादा आता है। एयर कंडीशनर की हवा भले ही आपके लिए आरामदायक हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे वजन भी बढ़ सकता है? अगर आप लगातार एसी में रहते हैं, तो इससे आपके शरीर को नुकसान पहुंचता है और कई बार आप बीमार भी पड़ जाते हैं। लंबे समय तक एसी में रहने से आपकी त्वचा पर भी बुरा असर पड़ता है।

ठंडी हवा त्वचा को रूखा कर सकती है और आपकी त्वचा को डिहाइड्रेट कर सकती है। साथ ही एसी की लगातार हवा से शरीर का तापमान नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है, जिससे शरीर कैलोरी बर्न नहीं कर पाता। आइए जानते हैं इस बारे में शोध क्या कहता है? शोध का क्या मतलब है? इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी के शोध में यह बात सामने आई कि मोटापा सिर्फ फास्ट फूड खाने या एक्सरसाइज न करने से ही नहीं बढ़ता, बल्कि लंबे समय तक एसी की ठंडी हवा में रहने से भी मोटापा बढ़ता है। शोध के मुताबिक, बिना एसी के सोने से 70 फीसदी तक कैलोरी बर्न होती है। वहीं, एसी में सोने से सिर्फ 35 प्रतिशत कैलोरी बर्न होती है।

एसी में नींद खराब होना

नींद का खराब होना- एसी को बहुत कम तापमान पर चालू करके सोने से नींद की खराब हो सकती है। ठंडी हवा से कंपकंपी और बेचैनी हो सकती है, जिससे रात में नींद पूरी नहीं होती। एसी और पंखे धूल और एलर्जी फैलाते हैं, जो नींद को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, एसी बंद करने से अच्छी नींद का माहौल बनाने में मदद मिलती है, जिससे एलर्जी का खतरा कम होता है।

शरीर में दर्द- एसी के अत्यधिक उपयोग से मांसपेशियों में तनाव और अकड़न हो सकती है, जो मौजूदा जोड़ों के दर्द या मांसपेशियों के दर्द को बढ़ा सकती है। ऐसी स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों को रात में एसी बंद कर देना चाहिए या ऐसा पंखा चुनना चाहिए जो असुविधा को कम करने में मदद कर सके।

सुबह की थकान - एसी चालू करके सोने से ताजी हवा नहीं मिलती, जिससे जागने पर थकान हो सकती है। ऊर्जा के स्तर के लिए उचित वेंटिलेशन आवश्यक है और इसके बिना, लोग सुबह सुस्त या थका हुआ महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, ठंडी हवा पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है, हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती है। इसके अलावा, निर्जलीकरण का खतरा भी बढ़ सकता है, जिससे मुंह और गला सूख सकता है।

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