जिले के मनोहर थाना क्षेत्र स्थित खुरी चौराहे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नकली ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने "दुर्घटना नियंत्रण शिविर" के नाम पर राहगीरों से 2-2 सौ रुपए की रसीदें काटकर अवैध वसूली की। सबसे हैरानी की बात यह रही कि ये फर्जी पुलिसकर्मी कई घंटों तक वसूली करते रहे और असली पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
घटना का खुलासा तब हुआ जब एक कार चालक को इस पूरे वसूली अभियान पर संदेह हुआ। उसने थाने जाकर संपूर्ण घटना की शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और जांच शुरू की गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि दो युवक ट्रैफिक पुलिस की वर्दी जैसी दिखने वाली ड्रेस में खड़े होकर वाहन चालकों को रोकते रहे और "दुर्घटना नियंत्रण शिविर" के नाम पर प्रति वाहन 200 रुपये की रसीद थमा रहे थे। चूंकि वे आत्मविश्वास से बात कर रहे थे और कागज-पेन लेकर खड़े थे, लोग भी शक नहीं कर पाए।
मनोहर थाना पुलिस ने शिकायत के बाद मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का काम शुरू कर दिया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, ठगी करने वाले युवक फरार हैं।
पुलिस अधिकारियों ने माना कि यह घटना न केवल एक संगठित ठगी का मामला है, बल्कि यह प्रशासन की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की वसूली या चालान के मामले में पहले संबंधित अधिकारी की पहचान सत्यापित करें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
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