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भारतीय संस्कृति एक जीवंत चेतना जिसका आधार ही संस्कार: डॉ संध्या पुरेचा

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भोपाल, 21 जून (Udaipur Kiran) । संस्कार भारती मध्यभारत प्रान्त के मंचीय कला विभाग द्वारा संस्कृति और संस्कार विषय पर राजधानी भोपाल के तुलसी नगर स्थित संस्कार भारती के योगेंद्र सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता नई दिल्ली संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा रहीं।

मुख्य अतिथि डॉ. संध्या पुरेचा ने कहा कि वे संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष होने से पहले एक कलाकार हैं और यहां मौजूद सभी लोगों की तरह पिछले कई सालों से संस्कार भारती से जुड़ी हुई हैं । मैं उद्बोधन और भाषण की बजाय संवाद करना चाहती हुँ। डॉ. संध्या ने कहा कि आज की पीड़ियों को संस्कार चाहिए अगर हमारी संस्कृति और धरोहर को संभालना और आगे ले जाना है तो यह भारतीय संस्कृति से ही उसका पुरुत्थान संभव है। भारतीय संस्कृति केवल भौगोलिक और ऐतिहासिक पहचान नहीं है यह एक जीवंत चेतना है और जिसका आधार ही संस्कार है। संसार का अर्थ शुद्ध करना, भीतर की शक्ति को जागृत करना है। संस्कार व्यक्ति में दिव्यगुणों का आवरण करती है। हम अपने घर, स्कूल, समाज और अपने मन में इन संस्कारों का संचार करेंगे। जिससे भारत की संस्कृति को नई ऊंचाइयां प्राप्त हो। अपने संबोधन के बाद डॉ. संध्या पुरेचा ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से संवाद भी किया और उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया ।

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। जिसके बाद कार्यक्रम संयोजक शेखर करहाडकर ने मंच से ध्येय गीत की प्रस्तुति दी । शिव स्तुति की प्रस्तुति बाल कलाकारों ने नृत्यांगना नीरजा सक्सेना के निर्देशन में देकर कला प्रेमियों का मनमोह लिया। कार्यक्रम के दौरान संस्कार भारती की मासिक पत्रिका और कला कलेवर मुख्य अतिथि को दी गई। वरिष्ठ रंगकर्मी संजय मेहता ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में भोपाल महानगर की अध्यक्ष अरुणा शर्मा, मध्य भारत प्रांत के महामंत्री मोतीलाल के साथ सभी पदाधिकारी एवं कला प्रेमी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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