Next Story
Newszop

काशी की गौरवशाली परम्परा में विचार, विद्रोह और विवेक तीनों का संगम : डॉ दयाशंकर मिश्र

Send Push

वाराणसी, 28 जून (Udaipur Kiran) । प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने शनिवार को कहा कि बाबू शिव प्रसाद गुप्त जैसे महान व्यक्तित्व एक युग का निर्माण करते हैं। उन्हें महात्मा गांधी द्वारा ‘राष्ट्ररत्न’ कहा जाना, उनके योगदान की महत्ता को दर्शाता है। आयुष मंत्री बाबू शिव प्रसाद गुप्त : स्वतंत्रता संग्राम, शिक्षा और पत्रकारिता के त्रिसंधि पुरुष संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

सेवाज्ञ संस्थानम् एवं ललित कला विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के संस्थापक बाबू शिव प्रसाद गुप्त की 142वीं जयंती पर आयोजित गोष्ठी में उन्हें नमन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि आयुष मंत्री ने कहा कि काशी की यह गौरवशाली परम्परा है कि यहाँ विचार, विद्रोह और विवेक तीनों का संगम होता है, और बाबू गुप्त जी इस त्रिवेणी के प्रतिनिधि पुरुष थे।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि बाबू शिव प्रसाद गुप्त न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक महान दूरदर्शी शिक्षाविद् भी थे। उन्होंने राष्ट्र के भविष्य को सँवारने के लिए शिक्षा को माध्यम बनाया और आज का काशी विद्यापीठ उसी स्वप्न का मूर्त रूप है। कुलपति ने कहा कि एक सच्चे राष्ट्रनिर्माता की पहचान यही होती है कि वह अपने जीवन से आने वाली पीढ़ियों को दिशा दे —बाबू गुप्त जी इस दृष्टि से शताधिक प्रासंगिक हैं।

गोष्ठी में डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा (विभागाध्यक्ष, ललित कला विभाग) ने भी विचार रखा। गोष्ठी में संस्था के शिवम् पाण्डेय ने बताया कि युवा धर्म संसद का पाँचवाँ संस्करण इस वर्ष 12-13 सितम्बर को कांचीपुरम्, तमिलनाडु में प्रस्तावित है, जहाँ राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और युवा सशक्तिकरण जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होगा। इस अवसर पर सेवाज्ञ संस्थानम् द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय साइकिल यात्रा पर आधारित पुस्तक “साइकिल यात्रा” का भी विमोचन किया गया।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Loving Newspoint? Download the app now