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सिवनीः कलेक्टर ने चिकित्सकों को प्रतिबंधित दवाइयां प्रिस्क्राइब न करने तथा गाइडलाइन का पालन करने के दिए निर्देश

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सिवनी, 05 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के सिवनी जिले में कलेक्टर शीतला पटले ने sunday को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के समस्त प्राइवेट एवं शासकीय चिकित्सकों की बैठक ली. बैठक में कलेक्टर ने हाल ही में कुछ औषधियों पर लगाए गए प्रतिबंध और भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के संदर्भ में चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चिकित्सक प्रतिबंधित औषधियों को किसी भी परिस्थिति में प्रिस्क्राइब न करें.

कलेक्टर ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा Madhya Pradesh फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के निर्देशों के अनुसार कोल्ड्रिफ सिरप और नेस्ट्रो डी.एस. सस्पेंशन के सेवन से बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव और मृत्यु की घटनाएं सामने आई हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए सिवनी जिले में इन दवाओं के विक्रय, भंडारण और वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.

बैठक में चिकित्सकों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श के प्रमुख बिंदुओं से भी अवगत कराया गया. इस परामर्श में कहा गया है कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी-जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए तथा पाँच वर्ष तक की आयु में भी इनका प्रयोग केवल चिकित्सकीय परामर्श एवं सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के बाद ही किया जाए. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बच्चों में अधिकांश खांसी-जुकाम की बीमारियां स्वयं ठीक हो जाती हैं और दवा देना हर स्थिति में आवश्यक नहीं है. उपचार के लिए पहले गैर-औषधीय उपायों कृ जैसे पर्याप्त जल सेवन, आराम एवं सहायक देखभाल कृ को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. कलेक्टर ने चिकित्सकों से अपील की कि वे इन दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन करें और जनहित में अनावश्यक दवा उपयोग से बचें.

कलेक्टर श्रीमती पटले ने चिकित्सकों से अपील की कि वे न केवल स्वयं इन दिशा-निर्देशों का पालन करें बल्कि जनजागरूकता बढ़ाने में भी सक्रिय भूमिका निभाएँ. उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि वे परिजनों को प्रेरित करें कि वे अपने घरों में पूर्व से रखी प्रतिबंधित या अनावश्यक खांसी-जुकाम की दवाओं का उपयोग बच्चों को न करें.

बच्चों को कफ सिरप देने में बरतें सावधानी- सीएमएचओ

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय द्वारा 03 अक्टूबर 2025 को जारी पत्र के संदर्भ में बच्चों को कोल्ड कफ सिरप देने के संबंध में वैधानिक एडवाइजरी जारी की गई है. जिले के सभी शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों को इस एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

डॉ. ठाकुर ने कहा कि बाल चिकित्सा देखभाल में तर्कसंगत दवा उपयोग और रोगी सुरक्षा सर्वाेपरि है. एडवाइजरी में बच्चों के लिए कफ सिरप के विवेकपूर्ण निर्धारण और वितरण पर बल दिया गया है. उन्होंने बताया कि अधिकांश तीव्र खांसी के रोग बच्चों में स्वतः ही ठीक हो जाते हैं और सामान्यतः इन स्थितियों में औषधि की आवश्यकता नहीं होती. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को सर्दी, खांसी और जुकाम की दवाएं न दी जाएं और न ही इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी दवा का उपयोग चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही किया जाना चाहिए. दवा देने से पहले सावधानीपूर्वक मूल्यांकन, उचित खुराक, कड़ी निगरानी और सीमित अवधि का पालन आवश्यक है. अनेक दवाओं के संयोजन से बचना चाहिए.

डॉ. ठाकुर ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों के उपचार में दवा के बजाय पानी का पर्याप्त सेवन, आराम एवं घरेलू सहायक उपायों को प्राथमिकता दें. सभी स्वास्थ्य संस्थानों कृ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल, जिला अस्पताल और निजी चिकित्सा संस्थानों को इस एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया

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