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केंद्रीय टीम ने आपदाग्रस्त बसुकेदार में किया निरीक्षण, डीएम ने पुनर्वास व क्षतिपूर्ति के लिए मांगे 1850 करोड़

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देहरादून, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए गठित उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम ने मंगलवार को तहसील बसुकेदार क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थलीय निरीक्षण किया। इस दाैरान जिलाधिधारी ने आपदा से क्षति व पुनर्वास कार्यों के लिए 1850 करोड़ रुपये का प्रस्ताव समिति के समक्ष रखा है।

जानकारी के अनुसार टीम के सदस्य कल देर शाम को अगस्तमुनि हेलीपेड पहुंचे थे, जहां जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने उनका स्वागत किया। इसके बाद जिलाधिकारी ने टीम को जिला कार्यालय सभागार में जनपद में आपदा के दौरान परिसंपत्तियों को हुए नुकसान व जन हानि की जानकारी दी।

आज सुबह केंद्रीय टीम ने बड़ेथ तक सड़क मार्ग से आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों, प्रशासन एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों से क्षति और पुननिर्माण कार्यों के आकलन की जानकारी ली।

टीम ने आपदा में प्रभावित क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों और स्थानीय प्रभावित लोगों के साथ ग्राम बड़ेथ में बातचीत कर स्थिति की समीक्षा की। स्थानीय लोगों ने टीम के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं और उनके निराकरण का अनुरोध किया। आपदा प्रभावित लोगों ने मकानों, फसलों और व्यवसायों सहित विभिन्न परिसंपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी दी। टीम सदस्याें ने क्षेत्र में हेलीपैड निर्माण, पुनर्वास, भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने, रोजगार, पुनर्स्थापन और क्षतिपूर्ति (मुआवजा) स्वास्थ्य सुविधाएं आदि जल्द उपलब्ध कराने की मांग की।

स्थानीय ग्रामीणों ने आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों में जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ व अन्य एजेंसियों के त्वरित कार्रवाई की सराहना की। साथ ही, उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पुनर्वास कार्यों, प्रभावित परिवारों को दी जा रही सहायता, राशन व चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था तथा सड़क मार्गों को शीघ्र खोलने के प्रयासों की सराहना की।

टीम ने स्थलीय निरीक्षण के साथ हवाई सर्वे कर आपदा से प्रभावित क्षेत्रों छैनागाड़, तालजमण, बगड़तोक, जौला, डुंगर भटवाड़ी, स्यूर आदि की स्थिति का अध्ययन किया, निरीक्षण के दौरान टीम द्वारा बुनियादी ढांचे की क्षति, सड़कों, पुलों, सार्वजनिक भवनों, बिजली एवं जल आपूर्ति लाइनों को हुए नुकसान के आकलन के साथ साथ कृषि, फसलों, पशुधन और स्थानीय आजीविका के अन्य साधनों को हुए नुकसान का जायज़ा लिया।

टीम ने निरीक्षण के दौरान आपदा के समय की गई भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहायता और अस्थायी आश्रयों की उपलब्धता जैसे राहत बचाव कार्यों की जानकारी भी ली।

अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रहे केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ.आर. प्रसन्ना ने कहा कि उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुई वास्तविक क्षति का आकलन करना है ताकि भारत सरकार को प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों की योजना शीघ्र बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के जान–माल को हुए नुकसान की जानकारी स्थानीय प्रशासन के माध्यम से ली जा रही है। टीम द्वारा किए गए हवाई सर्वेक्षण, स्थलीय निरीक्षण एवं प्रशासन से हुई विस्तृत चर्चा से प्राप्त जानकारी को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, बुनियादी ढाँचे की बहाली तथा दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने कहा कि यह निरीक्षण आपदा प्रबंधन और प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने लोगों की प्रमुख समस्याओं के निराकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी लोगों को दी। उन्होंने इस क्षेत्र की प्रमुख मांग काे देखते हुए बड़ेथ के पास मिनी स्टेडियम को हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए विकसित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने छैनागाड़ में गुमशुदा लोगों की तलाश करने के लिए खोज बचाव कार्यों में तेजी से कार्य करने का आश्वासन दिया।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आपदा के कारण पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त आवासों के मुआवजे की राशि को 2 लाख से बढ़ाकर कर 5 लाख कर दिया गया है और प्रभावितों को मुआवजा देने का कार्य निरंतर गतिमान है,। उन्होंने स्थानीय लोगों की मांग पर अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में पुनः क्षति का आकलन करने व भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने तालजामण तक वैकल्पिक मार्ग बस्टी से सुचारू करने के कार्य की जानकारी दी। उन्हाेंने कहा कि टीम अपनी सिफारिशों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी, जिस पर केंद्र सरकार अंतिम निर्णय लेगी। टीम का यह दौरा आपदा के बाद पुनर्निर्माण और जनजीवन बहाली सुनिश्चित करने तथा केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का हिस्सा है। जिलाधिकारी ने मानसून काल के दौरान जनपद में आपदा से क्षति व पुनर्वास कार्यों के लिए 1850 करोड रुपये का प्रस्ताव समिति के सम्मुख रखा है।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रलाद कोंडे, सीडीओ राजेंद्र सिंह रावत, एडीएम श्याम सिंह राणा, एसडीएम उखीमठ भगत सिंह फोनिया, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, खंड विकास अधिकारी अगस्तमुनि प्रवीण भट्ट, अधिशासी अभियंता लोनिवि,सिंचाई सीएमओ डॉ राम प्रकाश सहित संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

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