पीलीभीत, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पूर्व जिला पंचायत सदस्य वार्ड-1 मनजीत सिंह ने शनिवार को एक बयान में बताया कि ग्राम पंचायत बमनपुर भागीरथ और टाटरगंज के 800 विस्थापित परिवारों की भूमि का सर्वे उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश पर शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि तहसील पूरनपुर के लेखपालों ने आज वहां पहुंचकर विस्थापित परिवारों से बातचीत की और दस्तावेज लेते हुए रिपोर्ट तैयार की।
श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने विस्थापित परिवारों की भूमि का सर्वे पूर्व में भी करवाया था और उसकी रिपोर्ट भेज दी गई थी, जो गलत थी, क्योंकि 1960 के लगभग नानक सागर डैम के बदले 144 परिवारों को भूमि उक्त गांव में दी गई थी। वर्ष 1962 में 144 परिवारों में 98 परिवार उक्त भूमि को 800 परिवारों को बेचकर तभी चले गए थे। पिछले 65 वर्षों से 800 परिवार ही उक्त भूमि पर खेती करते चले आ रहे हैं और काबिज है। पूर्व में जो सर्वे हुआ था, वह सर्वे इन 800 परिवारों का न होकर 98 परिवारों का ही हुआ था।
जिला पंचायत सदस्य मनजीत सिंह ने बताया कि इसको लेकर एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंडलायुक्त बरेली को आदेश दिए थे कि 42 दिन में 800 परिवारों का सर्वे करवाकर और शासन को रिपोर्ट भेज कर उच्च न्यायालय को अवगत करायें। उच्च न्यायालय के अनुपालन में आए तहसील के कर्मचारी ग्राम बमनपुर भगीरथ में पूर्व प्रधान रणजीत सिंह के यहां गए और विस्थापित परिवारों से बातचीत कर उनके कागजात लिए हैं। उन्होंने बताया कि भूमि के सर्वे की कार्रवाई शुरू हो गई है। श्री सिंह ने बताया कि अब 800 परिवारों के साथ न्याय होगा। उनकी सर्वे रिपोर्ट तहसील से शासन को भेजी जाएगी।
(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा
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