शहडोल, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में शिक्षा विभाग में हाल ही में दो स्कूलों की पुताई में हुए घाटाले के बाद पांच दिन में सरकारी धन के दुरुपयोग करने का दूसरा मामला सामने आया है। यहां एक घंटे की बैठक में चार-पांच अधिकारी 14 किलो ड्राई फूट खा गए। इतना ही नहीं छह लीटर दूध में पांच किलो शक्कर डालकर चाय भी बनाई गई।
दरअसल, शहडोल में हाल ही में दो स्कूलों की पुताई में घोटाला सामने आया था, जिसमें 24 लीटर आयल पेंट के लिए 3.38 लाख रुपये खर्च बताया गया था। इसकी जांच पूरी भी नहीं हो पाई थी कि भ्रष्टाचार का दूसरा मामला सामने आ गया। भ्रष्टाचार का यह मामला जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत गोहपारू ब्लॉक के भदवाही ग्राम पंचायत में हुए जल चौपाल के आयोजन में सामने आया है। हैरत की बात यह है कि कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ खुद मौजूद थे, लेकिन अब वे इस बिल को लेकर हैरत जता रहे हैं।
दरअसल, कार्यक्रम 25 मई को भदवाही ग्राम पंचायत में हुआ था। इसमें कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ,जिला पंचायत सीईओ नरेंद्र सिंह, जयसिंह नगर की एसडीएम प्रगति वर्मा और जनपद सीईओ समेत कई अधिकारी शामिल हुए थे। ग्राम पंचायत ने मेजबानी करते हुए अफसरों के लिए टेंट, भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में लगाए गए बिल गुरुवार को सोशल मीडिया में वायरल हुए। इसके बाद ये मामला सामने आ सका। जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ एमपी सिंह ने कहा कि हम लोग उस आयोजन में गए थे, लेकिन वहां इतना ड्राईफ्रूट नहीं था। बिलों की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, भदवाही ग्राम पंचायत में जल चौपाल के आयोजन में अधिकारी और ग्रामीण शामिल हुए थे। इस दौरान ग्रामीणों को खिचड़ी, पूड़ी और सब्जी खिलाई गई और जो बिल जारी किए गए, उसमें ड्राई फूट का खर्च दिखाया गया। ग्राम पंचायत के नाम पर आए बिल की राशि 19 हजार 10 रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है। बिल में काजू की कीमत में बड़ा अंतर देखने में आया है। एक किलो काजू 1000 रुपये में खरीदा गया, जबकि काजू के दाम 600 से 650 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। किराना व्यापारी के बिल में पांच किलो काजू, छह किलो बादाम और तीन किलो किसमिस का उल्लेख है। अन्य सामग्री जैसे 30 किलो नमकीन और 20 पैकेट बिस्कुट का भी खर्च शामिल है। इसके अलावा छह लीटर दूध में पांच किलो शक्कर मिलाकर चाय भी पिलाई गई है।
सरकारी अमला यह दावा कर रहा है कि यह अभियान जनसहयोग से चल रहा है। इसके लिए कोई बजट नहीं आया है। गोविंद गुप्ता किराना स्टोर, ग्राम भर्री की ओर से यह बिल ग्राम पंचायत भदवाही के नाम पर भेजा गया है। यह बिल सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।
जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ मुद्रिका सिंह का कहना है कि कार्यक्रम में मैं खुद मौजूद था, लेकिन मुझे इस बिल के बारे में जानकारी नहीं है। फिर भी पता करता हूं। यह आयोजन ग्राम पंचायत ने किया था और सभी वरिष्ठ अधिकारी व आमजन शामिल हुए थे।’
(Udaipur Kiran) तोमर
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