काठमांडू, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेपाल सरकार संसद में एक नया विधेयक लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से लेकर जिला अदालत तक के सभी न्यायाधीशों को अपना संपत्ति विवरण सार्वजनिक करने को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव है।
अब तक अदालत के न्यायाधीशों को संपत्ति का खुलासा करने का नियम तो था, लेकिन यह अनिवार्य नहीं था। अब नेपाल के कानून मंत्रालय ने संसद सचिवालय में एक विधेयक को टेबल करने के लिए प्रस्तावित किया है, जिसमें सर्वोच्च अदालत के प्रधान न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशों, उच्च अदालत तथा जिला अदालत के मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशों को संपत्ति विवरण सार्वजनिक करने को अनिवार्य बनाया गया है।
कानून मंत्री अजय चौरसिया ने कहा कि जिस तरह से नेपाल में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सभी मंत्री एवं सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए संपत्ति विवरण को सार्वजनिक करना अनिवार्य है, उसी तरह से अब न्यायाधीशों को भी इस दायरे में लाने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है।
उन्होंने बताया कि इस समय भी न्यायाधीशों का संपत्ति विवरण न्याय परिषद में देना अनिवार्य है, पर उसे सार्वजनिक नहीं किया जाता है। इसलिए सरकार के इस नए विधेयक से इसे सार्वजनिक करना अनिवार्य हो जाएगा। नए विधेयक में न्यायाधीशों को अपनी नियुक्ति और स्थानांतरण के 30 दिनों के भीतर ही संपत्ति विवरण को संबंधित अदालत के वेबसाइट पर सार्वजनिक करना अनिवार्य बनाया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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