New Delhi, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) . नीति आयोग द्वारा कर्नाटक सरकार और बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) के सहयोग से 6 और 7 नवम्बर को बेंगलुरु में आयोजित “भारत में उपचारित अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञों और राज्यों के प्रतिनिधियों ने जल सुरक्षा को बढ़ाने, साझा मानक नीति अपनाने और उपचारित जल के उपयोग को व्यापक बनाने पर सहमति जताई.
नीति आयोग के मुताबिक, कार्यशाला का उद्घाटन आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल और कर्नाटक की मुख्य सचिव डॉ. शालिनी रजनीश ने किया. इसमें 18 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, शोधकर्ता, यूनिसेफ, इज़राइल और सिंगापुर जल संघ के सदस्य शामिल हुए. चर्चा का मुख्य उद्देश्य कृषि, औद्योगिक और घरेलू गैर-पीने योग्य उपयोगों में उपचारित जल के पुनः उपयोग को बढ़ावा देना और देश की सर्कुलर वाटर इकॉनमी को सशक्त बनाना था. डॉ. पॉल ने कहा कि प्रयुक्त जल का पुनः उपयोग विकसित भारत 2047 की दिशा में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रभावी साधन है. उन्होंने राज्यों से पुनः उपयोग की नीतियां बनाने, विभिन्न उपयोगों के लिए समान मानक तय करने और डेटा सेंटर जैसे नए क्षेत्रों में उपचारित जल को अपनाने का सुझाव दिया.
कर्नाटक की मुख्य सचिव डॉ. शालिनी रजनीश ने बताया कि राज्य ने वर्ष 2024 के जल संकट को अवसर में बदलते हुए झीलों के पुनर्जीवन और औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति में उपचारित जल का उपयोग किया है. उन्होंने अन्य राज्यों से भी रणनीतिक सुझाव देने का आग्रह किया ताकि पुनः उपयोग की क्षमता को और बढ़ाया जा सके.
कार्यशाला में Gujarat, दिल्ली, इंदौर, कर्नाटक, तमिलनाडु और Maharashtra के प्रतिनिधियों ने अपने सफल मॉडल साझा किए. प्रतिभागियों ने वर्ष 2030 तक राज्य स्तरीय नीतियों के निर्माण, गुणवत्ता निगरानी प्रणालियों के विकास और किफायती तकनीकों के अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
कार्यशाला का समापन 7 नवम्बर को बीडब्ल्यूएसएसबी के के एंड सी वैली और क्यूबन पार्क सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के दौरे के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने आधुनिक जल उपचार और पुनः उपयोग तकनीकों का अवलोकन किया.
इस अवसर पर कर्नाटक के शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तुषार गिरी नाथ, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की मिशन निदेशक डी. थारा, बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका के मुख्य आयुक्त महेश्वर राव, नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक युगल जोशी और बीडब्ल्यूएसएसबी के अध्यक्ष डॉ. वी. राम प्रसाथ मनोहर भी उपस्थित रहे.
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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
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