उदयपुर, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News). उदयपुर की आत्मा को बचाने के उद्देश्य से मेवाड़ बचाओ मंच द्वारा चलाया जा रहा अभियान “इस दिवाली उदयपुर का पैसा उदयपुर में” तेजी से जनआंदोलन का रूप ले रहा है. मंच की यह मुहिम स्थानीय व्यापार और रोजगार की रक्षा के लिए शुरू की गई थी, जिसे उदयपुरवासियों से ज़बरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है.
मंच के संस्थापक अध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि 26 सितंबर से आरंभ हुई इस मुहिम का मकसद स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और डार्क स्टोर्स व इंस्टेंट डिलीवरी ऐप्स के कारण स्थानीय व्यापार पर मंडरा रहे खतरे को रोकना है. पहले चरण में मंच के सदस्यों ने उदयपुर के 10 से अधिक प्रमुख बाजारों — यूनिवर्सिटी रोड, चुंगी नाका, बोहरा गणेश जी, पहाड़ा, सुभाष सर्किल, ठोकर और आयड़ — में जाकर व्यापारियों से संवाद किया और सभी से शत-प्रतिशत समर्थन प्राप्त किया.
व्यापारियों ने मंच की अपील पर अपने स्तर पर ग्राहकों तक फ्री होम डिलीवरी सेवा शुरू करने की सहमति भी दी है.
अभियान के दौरान व्यापारियों ने तीन मूल सिद्धांतों — सही दाम, बेहतर सुविधा और आत्मीय व्यवहार — पर आधारित शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए.
अभिषेक पांडेय ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी इस पहल को अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिल रही है. अब तक इस अभियान को 2 लाख से अधिक इंप्रेशन और 80,000 से अधिक यूनिक व्यूअर्स मिल चुके हैं. उन्होंने कहा —
“यह केवल आर्थिक लड़ाई नहीं, बल्कि उदयपुर की आत्मा को बचाने की पुकार है. जब शहर का 30 प्रतिशत युवा बेरोजगार हो जाएगा, तो बाजार कैसे चलेंगे? यह दिवाली सिर्फ रोशनी की नहीं, चेतना की भी होनी चाहिए.”
युवाओं को जोड़ने के लिए मंच ने “लोकल हीरो कॉन्टेस्ट” भी शुरू किया है, जिसमें प्रतिभागी स्थानीय दुकानों पर सेल्फी लेकर ₹1000 तक का इनाम जीत सकते हैं. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं को स्थानीय खरीदारी के लिए प्रेरित करना और सस्ते ऑफर्स के पीछे छिपे आर्थिक नुकसान के जाल को पहचानना है.
क्या है डार्क स्टोर्स का मायाजाल
डार्क स्टोर्स ने सप्लाई चेन की कड़ी को तोड़ दिया है. किसान, थोक व्यापारी, फुटकर विक्रेता और डिलीवरी बॉय सभी की भूमिका प्रभावित हो रही है. ये कंपनियां ऑफर्स के नाम पर ग्राहकों को आकर्षित करती हैं, लेकिन हर ऑर्डर पर 30 से 40 प्रतिशत तक अधिक भुगतान करवाती हैं, जिसमें ₹10-₹12 हैंडलिंग चार्ज भी शामिल होता है.
मंच ने आगामी दिनों में उदयपुर के सभी प्रमुख बाजारों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा है. साथ ही ग्राहकों को यह संदेश दिया जा रहा है कि वे जागरूक होकर स्थानीय उत्पादों की खरीदारी करें और अपने शहर की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएं.
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