उज्जैन, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा इस वर्ष भी अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” का आयोजन किया जा रहा हैं। श्रावण महोत्सव में नियोजित शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य से नटराज श्री महाकालेश्वर की आराधना में देश भर से प्रख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे |
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की उपप्रशासक सिम्मी यादव ने बताया कि 12 जुलाई से शुरू होने वाले 20 वॉ अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” 2025 का आयोजन श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय सभागृह, जयसिंह पुरा उज्जैन में शाम 7 बजे किया जाएगा |
कला साधकों के इस प्रस्तुति समागम के प्रथम शनिवार को बड़ोदरा के चिंतन उपाध्याय का शास्त्रीय गायन (ध्रुपद), उज्जैन के सतीश गोथरवाल के निर्देशन में संस्था पंडित विष्णु नारायण भातखंडे कला संस्थान द्वारा ताल वाद्य कचहरी, व इंदौर की संस्था कार्तिक कला अकादमी की निर्देशिका सुचित्रा हरमलकर के निर्देशन में की कथक नृत्य की प्रस्तुातियॉ सम्मिलित हैं।
कलाकारों का परिचय
1. चिंतन उपाध्याय का जन्म भावनगर, गुजरात के एक संगीतप्रेमी परिवार में हुआ। आपने प्रारंभिक संगीत शिक्षा अपने माता-पिता से ली तथा ख्याल गायन लक्ष्मीपति शुक्ल व अश्विन अंधारिया से ग्रहण की। आपने पुणे विश्वविद्यालय से शास्त्रीय गायन में एम.ए. करते हुए डॉ. विकास कशालकर व श्री विजय कोपरकर से प्रशिक्षण लिया। तत्पश्चात पं.उदय भवालकर से गुरु-शिष्य परंपरा में ध्रुपद गायन की शिक्षा ली। आपको भारत सरकार की युवा कलाकार छात्रवृत्ति व जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्राप्त हुई है। आप आकाशवाणी मुंबई के ‘बी हाई ग्रेड’ ध्रुपद गायक हैं तथा भारत, कनाडा, जर्मनी, अमेरिका, ऑस्ट्रिया आदि देशों में अनेक मंचों पर प्रस्तुति दे चुके है। वर्तमान में आप वडोदरा स्थित ‘एलेम्बिक ध्रुपद फाउंडेशन’ के माध्यम से ध्रुपद की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
2. पं. विष्णुनारायण भातखण्डे कला संस्थान के निदेशक डॉ. सतीश गोथरवाल एक प्रसिद्ध तबला वादक और गायक हैं। आपने तबला की शिक्षा राजेंद्र आर्य जी और पं. बालकृष्ण महंत जी के शिष्य रामचन्द्र चौहान से प्राप्त की। डॉ. गोथरवाल ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से तबला में स्नातक और स्रातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और गायन की शिक्षा स्व. संजीव शर्मा और डॉ. इब्राहिम अली से प्राप्त की। आपने गायन और वादन के संयुक्त विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आप अखिल भारतीय गन्धर्व महाविद्यालय, मुंबई से परीक्षक की भूमिका निभा रहे हैं व 20 वर्षों से संगीत की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। आपने अनेक गीतों और भजनों का निर्देशन किया है और संगीत का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। आप आकाशवाणी से मनोनीत कलाकार हैं और देश के अनेकों प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में प्रस्तुति दे चुके हैं |
3. इंदौर की संस्था कार्तिक कला अकादमी की निर्देशिका डॉ. सुचित्रा हरमलकर कथक की रायगढ़ घराने की प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं। आपने अपने नृत्य की शिक्षा गुरु स्वर्गीय पांचूजी और पद्मश्री रामलाल जी से प्राप्त की। डॉ. सुचित्रा ने देश के प्रमुख मंचों पर अपने नृत्य प्रस्तुत किए हैं, जिनमें गोपी कृष्ण समारोह मुंबई, कथक समारोह नई दिल्ली और खजुराहो नृत्य महोत्सव शामिल हैं। वह एक कुशल नृत्यांगना होने के साथ-साथ एक श्रेष्ठ गुरु और नृत्य निर्देशिका भी हैं। डॉ. सुचित्रा ने अनेकों नृत्य नाटिकाओं की संरचना की है, जिनमें अमृतस्य नर्मदा और नवलरंगगति गाथा रघुनाथ की प्रमुख हैं। आपको नृत्य के क्षेत्र में अनेकों पुरस्कार पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए तहुए है, जिनमें शिखर सम्मान मध्य प्रदेश शासन का सर्वोच्च सम्मान शामिल है। डॉ. सुचित्रा शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई स्नातकोत्तर महाविद्यालय इन्दौर में नृत्य विभाग की विभागाध्यक्ष हैं। आपने अपने गुरु की स्मृति में कार्तिक कला अकादमी की स्थापना की है।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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