नई दिल्ली, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संकल्प पारित कर कल अंतरिक्ष से सकुशल लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक यात्रा पर उन्हें बधाई दी। मंत्रिमंडल ने इस सफलता को भारत की आकांक्षाओं और वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक बताया है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र (आईएसएस) से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी पर संकल्प पारित किया गया। केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल के संकल्प की जानकारी दी।
संकल्प में कहा गया कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का मिशन सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता नहीं है, ये भारत की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा की मिसाल है। इससे हमारे बच्चों और युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी, वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में युवा साइंस और इनोवेशन को अपना करियर बनाएंगे।
मंत्रिमंडल ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि ये मिशन विकसित भारत के संकल्प को नई ऊर्जा देगा। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो सपना प्रधानमंत्री मोदी ने देखा है, उसे नई मजबूती मिलेगी।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून को प्रारंभ हुए अन्तरिक्ष मिशन के तहत आईएसएस पर 18 दिन रहे। वे इस स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय हैं। शुक्ला ने एक्सिओम-4 क्रू और एक्सपीडिशन-73 के साथ मिलकर माइक्रोग्रैविटी, मसल रीजनरेशन, शैवाल व सूक्ष्मजीवों की ग्रोथ और अंतरिक्ष में फसल उत्पादन जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण प्रयोग किए।
मंत्रिमंडल ने इस उपलब्धि के लिए इसरो, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की टीम को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूरी टीम की निष्ठा और परिश्रम ने इस सपने को साकार किया है।
कैबिनेट वक्तव्य मे कहा गया कि इन अनुसंधानों से अंतरिक्ष में मानव जीवन की संभावनाओं और माइक्रोग्रैविटी साइंस में भारत की समझ को नई दिशा मिलेगी। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भारत की भूमिका को भी सुदृढ़ करता है। वहीं भारत अब गगनयान और अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन की दिशा में तेजी से अग्रसर है। इस सफलता ने देश को मानव अन्तरिक्ष मिशन की बड़ी शक्तियों के समकक्ष खड़ा कर दिया है।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और स्पेस क्षमताओं में विश्वास ने भारत को यह मुकाम दिलाया है। बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि चंद्रयान-3, आदित्य-एल1 और अन्य मिशनों से भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्वसनीय पहचान बनाई है। स्पेस सेक्टर में किए गए सुधारों से करीब 300 स्टार्टअप उभरे हैं, जिससे रोजगार और नवाचार को बढ़ावा मिला है।
————-
(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
You may also like
कैंसर की गाँठ, लिवर की सूजन और पथरी को जड़ से खत्म कर सकता है ये देसी साग। जानें बथुए के जबरदस्त फायदे˚
25 हजार चूहों से भरा है माता का ये अनोखा मंदिर, माता के दर्शनों से पहले मिलते हैं विशेष निर्देश˚
पत्नी ने पति को बेहोश कर किया क्रूर हमला, मामला दर्ज
Aaj Ka Panchang : शुक्रवार को ग्रह-नक्षत्रों का संयोग लाया खास मुहूर्त, लीक्ड फुटेज में जानें 18 जुलाई को कौन सा समय रहेगा सबसे शुभ ?
आशिक संग कमरे में थी 4 बच्चों की मां, पति ने आपत्तिजनक हालत में पकड़ा, घर से मिलीं शक्तिवर्धक दवाएं˚