राजगढ़, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . संस्कार युक्त समाज और मजबूत राष्ट्र का निर्माण केवल संयुक्त परिवार की परंपरा से ही संभव है, Indian संस्कृति में नारी परिवार और समाज की धुरी है, जो सबको जोड़ने के साथ सही दिशा दिखाने की शक्ति रखती है. यह बात सप्तशक्ति संगम की प्रांत संयोजिका नीता गोस्वामी ने sunday को सरस्वती शिशु मंदिर राजगढ़ में विद्या भारती संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही.
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्जवलन और सरस्वती मंत्र के साथ किया गया, इसके बाद कार्यक्रम में शामिल महिलाओं का परिचय व स्वागत किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मातृशक्ति को परिवार और समाज में संस्कारों की भूमिका को समझाना था.
कार्यक्रम में प्रांत संयोजिका ने कहा कि आज के समय में भौतिक सुविधाओं की दौड़ में परिवार अपनी आत्मीयता और संस्कार खो रहा है. बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए केवल शिक्षा ही पर्याप्त नही, बल्कि संस्कार, प्रेम और समाज के प्रति जिम्मेदारी जरुरी है. उन्होंने कहा कि Indian संस्कृति में नारी परिवार और समाज की धुरी है, जो सबको जोड़ने के साथ सही दिशा दिखाने की शक्ति रखती है. उन्होंने नारी के जीवन को पंचपदी यात्रा के रुप में बताते हुए कहा कि वह पुत्री, बहन, पत्नी, मां और सास की भूमिका में संतुलन बनाकर ही परिवार की स्थिरता को आधार दे सकती है. उन्होंने कहा कि मातृशक्ति अपने परिवार को टूटने न दे और सभी को जोड़ने का प्रयास करे. उन्होंने मातृशक्ति से पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण और प्लास्टिक मुक्त समाज जैसे कार्यों में सहयोग करने को कहा.
कार्यक्रम में रामायण और महाभारत पर प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर विद्या भारती की प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य रश्मि रघुवंशी, उमा सक्सेना, हेमलता साहू, प्रीति गौतम सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति मौजूद रही.
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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक
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