Next Story
Newszop

(राउंड अप) हिमाचल में 20 जुलाई तक भारी वर्षा की चेतावनी, मानसून सीजन में मौत का आंकड़ा 100 के पार

Send Push

शिमला, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सहित अन्य अधिकांश इलाकों में सोमवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग ने राज्य में 20 जुलाई तक भारी वर्षा की चेतावनी दी है। अगले कुछ दिनों के लिए कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट भी घोषित किया गया है। इस मानसून सीजन में राज्य में वर्षा जनित हादसों में मौत का आंकड़ा 100 पार कर गया है। अब तक 105 लोगों की जान गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी दिनों भारी वर्षा की आशंका जताई है। विभाग के अनुसार 15 जुलाई को शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। इसके अलावा 16 जुलाई को ऊना, चम्बा, कांगड़ा, मंडी और शिमला जिलों में भी भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 17 जुलाई को ऊना, चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है, जबकि 18 जुलाई को चम्बा, कांगड़ा और कुल्लू में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी रहेगा। विभाग के अनुसार 20 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश की स्थिति बनी रहेगी, जिससे जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।

मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक आगामी कुछ दिनों में भूस्खलन, नदियों का जलस्तर बढ़ने और सड़कों के अवरुद्ध होने की घटनाएं और बढ़ सकती हैं। सोमवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिसमें सिरमौर के राजगढ़ में सर्वाधिक 72 मिमी, खदराला में 42 मिमी, पच्छाद में 36 मिमी और मंडी शहर में 26 मिमी वर्षा दर्ज की गई। गिरि जटोंन डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण डैम का गेट खोला गया, जिससे गिरि और यमुना नदियों का जलस्तर भी बढ़ा है। सिरमौर जिला प्रशासन ने मैदानी क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक सोमवार शाम तक हिमाचल में 192 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो चुकी हैं। 65 बिजली ट्रांसफार्मर और 745 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है जहां अकेले 146 सड़कें बंद हैं, 59 ट्रांसफार्मर बंद हैं और 133 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। कांगड़ा में भी 612 पेयजल योजनाएं पिछले कुछ दिनों से ठप हैं।

मानसून सीजन के दौरान अब तक प्रदेश में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में 105 लोगों की मौत हो चुकी है, 35 लापता हैं और 184 घायल हुए हैं। सबसे अधिक 21 मौतें मंडी जिले में हुई हैं, जबकि कांगड़ा में 17, कुल्लू में 11, चंबा में 9, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में 8-8 मौतें दर्ज की गई हैं। इन हादसों से 1046 मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, 188 दुकानें और 798 गौशालाएं तबाह हो चुकी हैं। सिर्फ मंडी जिले में ही 856 घर, 166 दुकानें और 644 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं। 30 जून की रात मंडी में बादल फटने की 12 घटनाओं ने भारी तबाही मचाई थी।

आपदाओं ने सिर्फ जीवन और संपत्ति ही नहीं, बल्कि कृषि और पशुपालन को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है। मानसून में अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षियों और 954 अन्य पशुओं की मौत हो चुकी है। इस अवधि में बादल फटने की 22, फ्लैश फ्लड की 31 और भूस्खलन की 18 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं।

प्रदेश सरकार के आकलन के मुताबिक मानसून की वजह से राज्य को अब तक करीब 786 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे अधिक नुकसान जल शक्ति विभाग को हुआ है, जिसे 414 करोड़ की क्षति पहुंची है, जबकि लोक निर्माण विभाग को 345 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।

मौसम विभाग ने नदियों के किनारे और डैम के आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Loving Newspoint? Download the app now