उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के कासिमाबाद तहसील में बसे इंदौर गांव की एक कहानी ने सबका ध्यान खींचा है। यह कहानी प्यार, विश्वासघात, सामाजिक रीति-रिवाजों और मानवीय संवेदनाओं का अनोखा संगम है। एक पति जो अपने परिवार के लिए विदेश में मेहनत कर रहा था, उसकी अनुपस्थिति में उसकी पत्नी का दिल किसी और के लिए धड़कने लगा। आइए, इस दिलचस्प और भावनात्मक कहानी को करीब से जानते हैं।
विदेश की कमाई, घर में बदलावप्रमोद, एक मेहनती व्यक्ति, अपनी पत्नी और छोटी बेटी के बेहतर भविष्य के लिए ढाई साल पहले दुबई चला गया। वह हर महीने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा अपनी पत्नी और मां के पास भेजता था। उसका सपना था कि उसकी मेहनत से उसका परिवार सुखी रहे और उसकी बहन की शादी धूमधाम से हो। लेकिन जब वह डेढ़ महीने पहले घर लौटा, तो उसे अपनी पत्नी के व्यवहार में अजीब बदलाव नजर आया। पत्नी उससे बात करने से कतराती थी और हर बार तबीयत खराब होने का बहाना बनाती थी। प्रमोद को कुछ गड़बड़ लगी, लेकिन वह सच का सामना करने को तैयार नहीं था।
रात का राज और सास की नजरएक रात, जब पूरा घर सो रहा था, प्रमोद की पत्नी चुपके से अपने कमरे से निकली और घर के बाहर चली गई। यह सब प्रमोद की मां की नजरों से नहीं छिपा। उन्होंने देखा कि उनकी बहू, समीर नाम के एक युवक के साथ, जो प्रमोद का चचेरा भाई था, नजदीकियां बांट रही थी। मां ने तुरंत इसकी खबर प्रमोद और आसपास के लोगों को दी। रात के बारह बजे गांव में हंगामा मच गया, और दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई।
पंचायत का फैसला और नया रिश्तागांव में पंचायत बुलाई गई, जहां प्रमोद की पत्नी ने खुलकर कहा कि वह समीर के साथ ही रहना चाहती है। यह सुनकर सभी हैरान रह गए। लेकिन प्रमोद, अपने परिवार और बच्ची के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, एक कठिन फैसला लेने को तैयार हुआ। गांव वालों और परिवार की सहमति से पत्नी की शादी समीर से मंदिर में करा दी गई। प्रमोद ने अपनी भावनाओं को दबाकर इस फैसले को स्वीकार किया, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
ताने और तालाब का दुखद मोड़शादी के बाद समीर और उसकी नई पत्नी को गांव वालों के ताने सुनने पड़े। चार दिन तक तानों का सामना करने के बाद, महिला ने हताश होकर पास के तालाब में जान देने की कोशिश की। सौभाग्य से, गांव वालों ने उसे समय रहते बचा लिया। इस घटना के बाद फिर से पंचायत बैठी। इस बार पता चला कि समीर अब अपनी पत्नी को रखने को तैयार नहीं था। लेकिन पंचायत ने दोनों को एक साथ रहने का आदेश दिया। इस बीच, प्रमोद ने अपनी पत्नी को कानूनी तलाक देने का फैसला किया और उसे पूरी तरह से आजाद कर दिया।
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