उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को दिवाली से पहले जबरदस्त खुशखबरी दी है। सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे गन्ना किसान प्रदेश की समृद्धि के आधार स्तंभ हैं। यह फैसला लाखों किसानों के जीवन में नई उम्मीद, नई ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की मिठास घोलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘गन्ना कृषकों के श्रम का सम्मान सुशासन का सच्चा स्वरूप है। इस भाव के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का निर्णय लिया है। अब अगेती गन्ना प्रजाति का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति का मूल्य 390 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।’ उन्होंने बताया कि इस फैसले से गन्ना किसानों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
योगी सरकार के कार्यकाल में चौथी बार बढ़ाई गई कीमत
योगी सरकार के कार्यकाल में यह चौथी बार है, जब गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी हुई है। यह कदम न सिर्फ गन्ना किसानों की कमाई बढ़ाएगा, बल्कि प्रदेश के ग्रामीण अर्थतंत्र में नई जान फूंकेगा। इस फैसले पर उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि किसानों के परिश्रम का सम्मान करना हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। गन्ना किसान सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ हैं। गन्ना हमारे ग्रामीण जीवन और अर्थव्यवस्था का आधार है और हर किसान को उसकी फसल का सही दाम समय पर मिलना सरकार की गारंटी है।
किसानों को अब तक 2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान
उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को अब तक 2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। तुलना करें तो 2007 से 2017 के बीच सपा और बसपा सरकारों में किसानों को कुल सिर्फ 1,47,346 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था। इस तरह सरकार ने महज साढ़े 8 साल में पिछली सरकारों से 1,42,879 करोड़ रुपये ज्यादा भुगतान कर नया रिकॉर्ड बनाया है।
प्रदेश में 122 चीनी मिलें चल रही हैं
मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि प्रदेश में अभी 122 चीनी मिलें चल रही हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। पिछली सरकारों में जहां 21 मिलें सस्ते में बेच दी गई थीं, वहीं इस सरकार के पारदर्शी प्रबंधन और निवेश फ्रेंडली नीतियों से इस उद्योग में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है। पिछले 8 साल में 4 नई चीनी मिलें लगाई गईं, 6 बंद मिलें फिर चालू की गईं और 42 मिलों की क्षमता बढ़ाई गई। इससे प्रदेश में 8 नई बड़ी मिलों जितनी उत्पादन क्षमता बढ़ी है। साथ ही, 2 मिलों में सीबीजी प्लांट लगाए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा को भी बढ़ावा मिल रहा है।
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