Health Tips : आजकल असंतुलित खानपान, जंक फूड और कम पानी पीने की वजह से कई लोगों में यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या देखने को मिल रही है।
जब शरीर में प्यूरिन नामक तत्व अधिक मात्रा में बनता है, तो किडनी उसे पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पाती। नतीजा यह होता है कि यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा होने लगता है, जिससे सूजन, दर्द और गठिया जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं।
अगर आप दवाइयों पर निर्भर नहीं रहना चाहते और नेचुरल तरीके से यूरिक एसिड कम करना चाहते हैं, तो कुछ आयुर्वेदिक ड्रिंक्स आपकी इसमें मदद कर सकती हैं।
ये पेय न केवल शरीर को अंदर से डिटॉक्स करते हैं, बल्कि सूजन और दर्द को भी कम करते हैं। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये हर्बल ड्रिंक्स और इन्हें कैसे लें।
गुग्गुल का काढ़ा – जोड़ों के दर्द से राहत
आयुर्वेद में गुग्गुल को दर्द निवारक जड़ी-बूटी कहा जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व शरीर में सूजन को कम करते हैं। गुग्गुल का काढ़ा पीने से जोड़ों में जमा अतिरिक्त यूरिक एसिड धीरे-धीरे बाहर निकलने लगता है।
इसे बनाने के लिए आधा चम्मच गुग्गुल पाउडर को एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छानकर गुनगुना-गुनगुना पी लें। रोज़ाना इसका सेवन करने से दर्द और जकड़न से राहत मिलती है।
गिलोय का जूस या चाय – शरीर का प्राकृतिक डिटॉक्स
गिलोय को ‘अमृता’ कहा जाता है क्योंकि यह शरीर को अंदर से शुद्ध और मज़बूत बनाती है। इसमें मौजूद ज्वरनाशक और इम्यून-बूस्टिंग गुण यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है, तो सुबह खाली पेट गिलोय का ताजा जूस या गिलोय की हर्बल चाय पीना शुरू करें। नियमित सेवन से किडनी का काम बेहतर होता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
अदरक-नींबू टी – सूजन और दर्द का नैचुरल इलाज
अदरक हर घर की रसोई में आसानी से मिल जाती है, लेकिन इसके फायदे कई औषधियों से बढ़कर हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की सूजन कम करते हैं और यूरिक एसिड को संतुलित रखते हैं।
इसे बनाने के लिए कुछ अदरक के टुकड़े पानी में 5 मिनट तक उबालें, फिर छानकर उसमें आधा नींबू निचोड़ लें। यह चाय शरीर को गर्म रखती है, पाचन सुधारती है और जोड़ों के दर्द से राहत देती है।
दालचीनी की चाय – शुगर और यूरिक एसिड दोनों पर कंट्रोल
दालचीनी सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली हर्ब भी है। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ-साथ इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने में मदद करती है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित रहता है।
दालचीनी की चाय बनाने के लिए एक छोटा टुकड़ा दालचीनी पानी में उबालें और चाहें तो थोड़ा शहद मिलाएं। रोज़ाना इसका सेवन यूरिक एसिड और गठिया की समस्या में फायदेमंद है।
बोनस टिप्स: यूरिक एसिड कंट्रोल में रखने के आसान उपाय
दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी ज़रूर पिएं। रेड मीट, बीयर, और फ्राइड फूड से दूरी बनाएं।
अपने आहार में फलों, हरी सब्जियों और साबुत अनाज को शामिल करें। नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज या योग करें।
इन छोटे-छोटे बदलावों से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर नेचुरली संतुलित रहता है।
अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं, तो ऊपर बताए गए आयुर्वेदिक ड्रिंक्स आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं। ये न केवल जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करते हैं, बल्कि शरीर को डिटॉक्स भी करते हैं।
कुछ ही दिनों में आपको राहत महसूस होगी, बस इन्हें नियमित रूप से अपनाएं।
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