भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए 28 जून 2025 का दिन निराशा भरा रहा। यूरोप में चल रहे एफआईएच प्रो लीग के एक महत्वपूर्ण मुकाबले में भारत को चीन के खिलाफ 0-3 से करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने न केवल टीम का मनोबल तोड़ा, बल्कि उसे अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर धकेल दिया, जिसके परिणामस्वरूप टीम को एफआईएच प्रो लीग से रेलीगेट होना पड़ा। अब भारतीय टीम को अगले सत्र में निचले स्तर, यानी एफआईएच नेशंस कप, में खेलना होगा। यह हार भारतीय हॉकी प्रशंसकों के लिए एक बड़ा झटका है, जो अपनी टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे थे।
शुरुआती जोश, लेकिन गोल की कमीमैच की शुरुआत में भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाया। पहले क्वार्टर में बलजीत कौर ने तीसरे मिनट में गोल करने का शानदार मौका बनाया, लेकिन उनका शॉट गोलपोस्ट से चूक गया। इसके तुरंत बाद भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन दीपिका इन मौकों को भुना नहीं पाईं। भारतीय खिलाड़ियों ने चीन की रक्षापंक्ति पर दबाव बनाए रखा, लेकिन गोल करने में असफल रहीं। दूसरी ओर, चीन ने धीरे-धीरे खेल पर पकड़ बनाई और 21वें मिनट में चेन यांग ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर अपनी टीम को बढ़त दिलाई।
रक्षापंक्ति की चुनौतियाँ और सविता का संघर्षभारतीय गोलकीपर सविता ने अपने अनुभव का शानदार प्रदर्शन किया और कई गोल बचाए। 13वें मिनट में उन्होंने गुओटिंग हाओ के रिवर्स हिट को रोककर प्रशंसकों का दिल जीत लिया। हालांकि, दूसरे क्वार्टर में चीन ने दबाव बढ़ाया और 26वें मिनट में झांग यिंग ने एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 2-0 कर दिया। भारतीय रक्षापंक्ति इस दौरान दबाव में दिखी, और चीन ने इसका पूरा फायदा उठाया। तीसरे क्वार्टर में आनहुल यू ने 45वें मिनट में मैदानी गोल दागकर चीन की जीत को और पक्का कर दिया।
आखिरी मौके और निराशामध्यांतर के बाद भारतीय टीम ने वापसी की कोशिश की। तीसरे क्वार्टर में उन्होंने लगातार हमले किए, लेकिन चीन की मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने में नाकाम रहीं। 55वें मिनट में भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला, जो गोल करने का सुनहरा अवसर था, लेकिन दीपिका एक बार फिर इसे गोल में तब्दील नहीं कर पाईं। मैच के अंत तक भारत गोल करने में विफल रहा, और चीन ने 3-0 से जीत हासिल की। यह हार भारतीय टीम की यूरोपीय चरण में लगातार सातवीं हार थी, जिसने उनके रेलीगेशन को सुनिश्चित कर दिया।
आगे की राह और उम्मीदेंभारत अब रविवार को अपने अंतिम एफआईएच प्रो लीग मैच में फिर से चीन का सामना करेगा। भले ही भारत यह मैच जीत ले, लेकिन 12 अंकों के साथ भी वह जर्मनी (13 अंक) को पछाड़ नहीं पाएगा और रेलीगेशन से बच नहीं सकेगा। यह स्थिति भारतीय हॉकी के लिए एक सबक है। टीम को अपनी रणनीति, रक्षापंक्ति और गोल करने की क्षमता पर फिर से काम करना होगा। प्रशंसकों को उम्मी
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