केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वित्त मंत्रालय ने 3 नवंबर 2025 को एक गजट अधिसूचना जारी की, जिसमें आयोग की संरचना, इसके कार्यक्षेत्र और मुख्यालय की जानकारी दी गई है। यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करेगा और बड़े बदलावों की सिफारिश करेगा। आइए जानते हैं इस आयोग से जुड़ी हर अहम बात।
8वें वेतन आयोग की संरचनासरकार ने तीन सदस्यों वाला एक मजबूत आयोग बनाया है, जो कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखेगा। आयोग के सदस्य इस प्रकार हैं:
- अध्यक्ष: जस्टिस रंजन प्रकाश देसाई
- पार्ट-टाइम सदस्य: प्रो. पुलक घोष
- सदस्य-सचिव: पंकज जैन
यह आयोग सुनिश्चित करेगा कि केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन ढांचा न सिर्फ आर्थिक रूप से व्यवहारिक हो, बल्कि यह कर्मचारियों की कार्यक्षमता और जवाबदेही को भी बढ़ाए।
आयोग का कार्यक्षेत्र: क्या-क्या बदलेगा?8वां वेतन आयोग कई अहम क्षेत्रों में काम करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बेहतर वेतन और सुविधाएं सुनिश्चित करना है। आयोग के कार्यक्षेत्र में शामिल हैं:
- केंद्र सरकार के कर्मचारियों, अखिल भारतीय सेवाओं, रक्षा बलों, केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों और अन्य विभागों के लिए वेतन, भत्ते और सुविधाओं की समीक्षा।
- औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी, भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कर्मचारी, और केंद्र शासित प्रदेशों की अधीनस्थ न्यायपालिका के अधिकारियों के लिए सिफारिशें।
- ऐसा वेतन ढांचा तैयार करना, जो नई प्रतिभाओं को सरकारी नौकरी की ओर आकर्षित करे और कर्मचारियों में जिम्मेदारी व उत्कृष्टता को बढ़ावा दे।
- मौजूदा भत्तों और बोनस योजनाओं की समीक्षा कर उन्हें और बेहतर करना।
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत ग्रेच्युटी और पेंशन नियमों की समीक्षा।
आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करते समय देश की आर्थिक स्थिति, राज्यों की वित्तीय हालत और निजी क्षेत्र के वेतन ढांचे को ध्यान में रखना होगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन और भत्ते मिलें, लेकिन यह देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ न बने।
आयोग कैसे करेगा काम?आयोग को अपनी प्रक्रिया तय करने की पूरी आजादी होगी। यह विशेषज्ञों, सलाहकारों और संस्थानों की मदद ले सकता है। साथ ही, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से जरूरी जानकारी मांग सकता है। सरकार ने राज्यों, कर्मचारी संगठनों और अन्य पक्षों से पूरा सहयोग करने को कहा है।
कब तक आएगी रिपोर्ट?8वें वेतन आयोग को अपनी अंतिम सिफारिशें 18 महीनों के भीतर यानी मई 2027 तक जमा करनी होंगी। जरूरत पड़ने पर यह बीच में भी कुछ मध्यवर्ती रिपोर्ट दे सकता है। आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा।
कर्मचारियों और पेंशनरों की बढ़ी उम्मीदेंइस आयोग के गठन से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनरों में नई उम्मीद जगी है। आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अगले कुछ सालों में वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों को न सिर्फ सैलरी में बढ़ोतरी की उम्मीद है, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), पेंशन और अन्य सुविधाओं में भी सुधार की आस है।
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