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गंगा में कूदी IIT टॉपर ललिता, 36 घंटे बाद भी लापता: यूपीएससी की कर रही थी तैयारी

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बिजनौर में सोमवार की सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब 26 साल की ललिता रानी ने गंगा नदी में छलांग लगा दी। 36 घंटे बीत जाने के बाद भी ललिता का कोई सुराग नहीं मिला है। एसडीआरएफ, पीएसी और पुलिस की टीमें दिन-रात गंगा में तलाश कर रही हैं, लेकिन तेज बहाव और गहरा पानी उनकी राह में रोड़ा बना हुआ है। ललिता की गायब होने की खबर ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

कौन थी ललिता रानी?

बिजनौर के चांदपुर थाना क्षेत्र के खानपुर माजरा गांव की रहने वाली ललिता रानी संग्रह अमीन वेद प्रकाश की बेटी थी। वह ज्ञान विहार कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहती थी। ललिता ने आईआईटी कानपुर से बी-टेक की डिग्री हासिल की थी और यूपीएससी की तैयारी में जुटी थी। परिवार का कहना है कि यूपीएससी के दो असफल प्रयासों के बाद ललिता मानसिक तनाव में थी। वह मेहनती और होनहार थी, लेकिन असफलता ने उसे अंदर से तोड़ दिया था।

मॉर्निंग वॉक में हुआ हादसा

परिजनों के अनुसार, सोमवार सुबह करीब 6:15 बजे ललिता अपनी 12 साल की चचेरी बहन के साथ रोज की तरह मॉर्निंग वॉक के लिए निकली। दोनों बस से बिजनौर बैराज पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दोनों कुछ देर तक बैराज के पुल पर टहल रही थीं। अचानक ललिता ने गेट नंबर 25 से गंगा में छलांग लगा दी। उसकी चचेरी बहन ने शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।

तलाश में जुटी टीमें, लेकिन चुनौतियां बरकरार

सूचना मिलते ही रामराज थाना (मुजफ्फरनगर) की पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची। गंगा में नावों और रस्सियों के जरिए तलाशी अभियान शुरू किया गया। रामराज थाना प्रभारी रावेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है, लेकिन गंगा का तेज बहाव और पानी का बढ़ता स्तर गोताखोरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

परिवार का दर्द, टूटी उम्मीदें

ललिता के गंगा में कूदने की खबर से उसका परिवार सदमे में है। पिता वेद प्रकाश का कहना है कि ललिता हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रही। यूपीएससी में सफलता न मिलने का उसे गहरा दुख था। “हमें यकीन नहीं होता कि हमारी बेटी ऐसा कदम उठा सकती है,” वेद प्रकाश ने रोते हुए कहा। ललिता की तलाश में पूरा परिवार और इलाका दुआएं मांग रहा है, लेकिन 36 घंटे बाद भी कोई सुराग न मिलने से उम्मीदें धूमिल हो रही हैं।

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